भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक फैसले ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच राज्य के किसानों को बड़ी राहत पहुंचाई है. अब राज्य के किसानों को जिला सहकारी बैंक और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से पहले की तरह ही 0% ब्याज पर कर्ज मिलेगा. साथ ही शिवराज सरकार ने फैसला किया है कि समितियों के माध्यम से वर्ष 2019-20 में रबी और खरीफ फसलों के लिए किसानों को दिए गए कर्ज पर कोई ब्याज नहीं लगेगा.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलने के बाद प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने योजना को चालू रखने के आदेश जारी कर दिए हैं. समितियों ने राज्य के 23 लाख किसानों को 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अल्पावधि कृषि ऋण वितरित किया था. सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ सरकार आने के बाद सहकारिता विभाग ने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को ऋण देने की योजना को जारी रखने के लिए पत्र लिखा था. लेकिन इस योजना को जारी रखने का आदेश नहीं दिया सका था.

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देने के लिए अपेक्स बैंक को जरूरी राशि का इंतजाम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अलावा अपनी बचत से करना होता है. अपेक्स बैंक लगातार सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करा रहा था. कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान सैद्धांतिक सहमति के आधार पर किसानों को कर्ज तो बांट दिया गया था, लेकिन इसके औपचारिक आदेश जारी नहीं किए गए थे. कमलनाथ सरकार  ‘जय किसान ऋण मुक्ति योजना’ लेकर आई. कृषि, सहकारिता और वित्त विभाग इस योजना को लागू करने में उलझकर रह गए.

वित्त विभाग ने इस योजना को जारी रखने पर अपनी सहमति दे दी थी लेकिन कैबिनेट निर्णय होना बाकी था. इस बीच कमलनाथ की सरकार गिर गई और एक बार फिर मध्य प्रदेश की सत्ता में भाजपा की वापसी हुई. शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने और सहकारिता विभाग ने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को कर्ज देने वाली योजना को जारी रखने वाली फाइल उन तक पहुंचाई. मुख्यमंत्री शिवराज ने बिना देर किए इस योजना को चालू रखने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी. आपको बता दें कि यह योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ही देन थी. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवराज सरकार में यह योजना चल रही थी.