14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस
नई दिल्ली. किसानों के हठ के आगे आखिरकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इस ऐलान के लिए दिन चुना गया प्रकाश पर्व का, पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम 18 मिनट के संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया और कहा कि सरकार ये कानून काश्तकारों के हित में नेक नीयत से ये लाई थी लेकिन हम कुछ किासनों को समझाने में नाकाम रहे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों आज गुरू नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है और इसी महीने हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे।
टिकैत बोले संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे
सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे। अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे।
प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ शुरुआत की
मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरु नानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। ‘गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।’




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया और कहा कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून को वापस लेगी और आगामी संसद सत्र में इस बारे में जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लाख जतन के बावजूद किसानों के धड़े को समझा नहीं पाई और देशवासियों से क्षमा मांगता हूं कि हमारे ही प्रयासों में कोई कमी रही होगी. पीएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा कि गुरुपर्व के मौके पर आप अपने घर और खेत पर लौटे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘किसानों की स्थिति सुधारने के महाअभियान में तीन कृषि कानून लाए गए थे. मकसद ये था कि छोटे किसानों को और ताकत मिले और उन्हें उपज का सही दाम मिले. बरसों से ये मांग, देश के कृषि विशेषज्ञ, संगठन और वैज्ञानिक कर रहे थे. पहले भी कई सरकारों ने मंथन किया था. इस बार भी संसद में चर्चा हुई और कानून लाएंगे. देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसान संगठनों ने स्वागत किया और समर्थन किया. मैं आज उन सभी का समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.’
पीएम ने कहा कि ‘हमारी सरकार खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए गांव-गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए पूरी सत्य निष्ठा से हमारी सरकार ये कानून लेकर आई है. हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए भले ही किसानों का एक वर्ग ही विरोध कर रहा था. वैज्ञानिकों, कृषि कानून विशेषज्ञों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया. हमने किसानों की बातों और उनके तर्कों को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं बाकी रखा. कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था, उस पर भी बात की. मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए कहना चाहता हूं कि हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए.’