कान खोल कर सुन लो, हम नागरिकता देकर ही दम लेंगे:अमित शाह

जबलपुर। देश जब आजाद हुआ था उस समय पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में लगभग 30-30 प्रतिशत हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई आदि धार्मिक अल्पसंख्यक थे। लेकिन अब पाकिस्तान में सिर्फ 3 प्रतिशत और बांग्लादेश में 7 प्रतिशत ही बचे हैं। कांग्रेस के अंधे और बहरे नेता बताएं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के हमारे हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक भाई कहां चले गए? इन्हें या तो मार डाला गया, इनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया, इनकी बेटियों-बहनों पर परिवार के लोगों के सामने अत्याचार किए गए। इन्हीं में से कुछ लोग अपना सब कुछ गवांकर, अपने धर्म और सम्मान की रक्षा के लिये किसी तरह भारत आए हैं। जो कभी हजारों एकड़ के जमींदार थे, वे अब झोपड़ियों में रहकर, मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन चला रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून इन्हीं लोगों को भारत की नागरिकता देने का, सम्मान के साथ जीवन बिताने का अवसर देने का कानून है, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह ने रविवार को जबलपुर में सीएए पर जनजागरण के लिये आयोजित जनसभा में कही।

कान खोल कर सुन लो, हम नागरिकता देकर ही दम लेंगे
गृहमंत्री  अमित शाह ने कहा कि 12 जुलाई, 1947 को महात्मा गांधी ने कहा था कि जो लोग पाकिस्तान में रह गए हैं, वे कभी भी भारत आ सकते हैं, यहां उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन राहुल बाबा आपने तो महात्मा गांधी को कब का छोड़ दिया। नेहरू जी ने कहा था, सरदार पटेल ने कहा था, आचार्य कृपलानी ने कहा था, राजेंद्र बाबू ने कहा था कि भारत उनकी स्वाभाविक जन्मूभूमि है और यहां उनका स्वागत है। श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस वालो, चाहे जितना विरोध कर लो, लेकिन हम इन शरणार्थी भाइयों को नागरिकता देकर ही दम लेंगे। देश पर जितना अधिकार हमारा है, उतना ही इन शरणार्थी भाईयों का भी हैं, हम इन्हें गले लगाकर आगे बढ़ेंगे।

जनता की इच्छा समझ लो कांग्रेस वालो, वर्ना साफ हो जाओगे
शाह ने कहा कि पाकिस्तान में इन हिंदू, सिख, सिंधी भाइयों पर अमानवीय अत्याचार हुए, लेकिन मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले ठेकेदारों को इन शरणार्थी भाइयों पर हुए अत्याचार नहीं दिखते? क्या इनके मानवाधिकार नहीं हैं? अभी हाल ही में पवित्र धार्मिक स्थल ननकाना साहिब पर हमला हुआ, तोड़फोड़ की गई। वहां के ग्रंथी की बेटी जगजीत कौर को हमलावर उठा कर ले गए। क्या ये अत्याचार नहीं है?  शाह ने कहा कि देश की जनता इन पीड़ित और प्रताड़ित भाइयों को शरण देना चाहती है। मैं कांग्रेस वालों से कहना चाहता हूं कि जनता की इच्छा की समझिए, वर्ना साफ हो जाओगे।

विरोध की वजह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति
शाह ने कहा कि देश के बंटवारे के समय जो लोग पाकिस्तान में रह गए थे, उन्हें हमारे नेताओं ने आश्वासन दिया था कि आप जब भी आएंगे, भारत आपको सम्मान देगा। अब मोदी जी ने इन पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का कानून बनाया, तो कांग्रेसी, वामपंथी, ममता दीदी, केजरीवाल, इसका विरोध कर रहे हैं।  शाह ने कहा कि 1950 में नेहरू- लियाकत समझौता हुआ था, जिसमें नेहरू जी ने इन लोगों की देखभाल वचन दिया था। मैं कांग्रेसियों से पूछना चाहता हूं कि अब मोदी जी उस वचन को पूरा कर रहे हैं, तो क्यों उससे भाग रहे हो? पाकिस्तान से, बांग्लादेश से जो लोग भारत आए हैं, उनमें बड़ी संख्या में दलित हैं, मछुआरे हैं, नमोशूद्र हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि क्या प्रॉब्लम है? उन्होंने कहा कि प्रॉब्लम कुछ नहीं है, ये सभी लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं। कहीं वोटबैंक नाराज न हो जाए, इसलिए उससे डरते हैं और सीएए का विरोध कर रहे हैं।

वोट बैंक के लालच में पाकिस्तान की भाषा बोल रहे विरोधी दल
शाह ने कहा कि मोदी जी ने कश्मीर से 370 और 35 ए हटाकर उसे भारत का अटूट हिस्सा बना दिया, कांग्रेस ने विरोध किया। राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल कहते हैं कि राम जन्मभूमि पर मंदिर नहीं बनना चाहिए। मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की, ये पाकिस्तान की तरह उसके सबूत मांगते हैं।  शाह ने पूछा कि जो लोग जेएनयू में देश के हजारों टुकड़े करने के नारे लगाते हैं, उन्हें जेल में होना चाहिए या नहीं? लेकिन केजरीवाल और राहुल बाबा कहते हैं उन्हें बचा लो, उन्हें बचा लो। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ये देशविरोधी नारे लगाने वाले आपके चचेरे भाई हैं?  शाह ने कहा कि राहुल, केजरीवाल, ममता, इमरान खान इन सबकी भाषा एक जैसी क्यूं है? क्योंकि वोट बैंक के लालच में विपक्षी दलों के नेता पाकिस्तान की ही भाषा बोलने लगे हैं।

विरोधियों का झूठ उजागर हो, इसलिए कर रहे जनजागरण
शाह ने कहा कि लोग पूछते हैं कि जनजागरण अभियान की जरूरत क्यों पड़ी? मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस, वामपंथी दल, ममता दीदी, केजरीवाल जैसे नेता नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। ये कह रहे हैं कि इस कानून से अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीनी जाएगी, मैं इन्हें चैलेंज करता हूं कि एक्ट में कहीं पर भी ऐसा प्रावधान हो तो बताएं। इसमें सिर्फ नागरिकता देने का प्रावधान है। मैं राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के समय आपने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता देंगे। अब क्यों लोगों को भड़का रहे हो।  शाह ने कहा कि हम इसी लिए सीएए के मुद्दे पर जनजागरण कर रहे हैं ताकि लोगों को इस कानून की सच्चाई बताएं और उनके सामने केजरीवाल, ममता, राहुल जैसे नेताओं के झूठ को उजागर कर सकें। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान करता हूं कि वे घर-घर जाकर लोगों को इस कानून की सच्चाई बताएं।

मध्यप्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में मिजाज बता दिया कमलनाथ जी
शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सोनिया मैडम को खुश करने के लिए बड़े जोर से कहते हैं मध्यप्रदेश में यह कानून लागू नहीं होगा। मैं कहना चाहता हूं कमलनाथ जी पहले प्रदेश को तो ठीक कर लो। आपने किसानों को मुआवजा नहीं दिया, शराब दुकानों का एक्सपांशन कर रहे हो, गौशाला की बात कही, कहीं नजर नहीं आतीं। युवाओं को ग्रांट देने का वादा किया, किसी को नहीं दिया। कर्जमाफी तो दूर किसानों को गेहूं, धान का पैसा नहीं मिला, समर्थन मूल्य नहीं मिला। अब हमें सलाह दे रहे हो। मैं कहता हूं कि कमलनाथ जी हिम्मत है, तो मैदान में आ जाओ, प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव में अपना मिजाज बता चुकी है और विधानसभा चुनाव में की गई अपनी गलती को स्वीकार कर रही है।

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