कांग्रेस स्वयं ही हिंदू विरोधी होने का ठप्पा लगा रही है

कांग्रेस ने अब गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का विरोध किया।
कांग्रेस स्वयं ही हिंदू विरोधी होने का ठप्पा लगा रही है
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गोरखपुर की 100 वर्ष पुरानी गीता प्रेस का साहित्य देश के हर सनातनी के घर में मिलेगा। रामायण के सुंदरकांड से लेकर यहां भारत के श्री कृष्ण के प्रवचन तक गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित किए जाते हैं अब तो जन्म और पुण्यतिथि पर भी गीता प्रेस का साहित्य वितरित किया जाता है। कहा जा सकता है कि गीता प्रेस हर घर में है देश के प्रबंधकों का उद्देश्य लाभ पर्याय नहीं है इसलिए उस तक के खर्च से भी कम कीमत पर बिक्री की जाती है गीता प्रेस का साहित्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए अनेक सनातनी आर्थिक सहयोग भी करते हैं रामायण और गीता पुस्तक घर घर घर तक पहुंची इस पर किसी को एतराज नहीं हो सकता। इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023 को गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस को देने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार प्रति वर्ष समाज में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए दिया जाता है। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस को पुरस्कार देने का मतलब है कि गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समान करना। सब जानते है कि जयराम रमेश इन दिनों राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़े यात्रा के इंचार्ज भी रमेश ही थे। राहुल गांधी विदेशों में जयराम रमेश की भाषा ही बोल रहे हैं। कांग्रेस किसी मुद्दे पर क्या स्टैंड ले, यह उनका आंतरिक मामला है, लेकिन गीता प्रेस को सम्मान देने का विरोध स्वयं से परे है। कांग्रेस पर पहले ही हिन्दू विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस स्वयं ही अपनी ईमेज हिन्दू विरोधी बनाए रखना चाहती है। राहुल गांदी और खडगे को बताना चाहिए कि गीता प्रेस और नाथूराम गोडसे कैसे बराबर है? कांग्रेस का गोडसे के विचारों से मतभेद हो सकता है, लेकिन गीता प्रेस से क्यों? कांग्रेस ने पहले अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का विरोध किया और भगवान राम के चरित्र पर तैयार ग्रंथ रामायण को प्रकाशित करने वाली गीता प्रेस का विरोध किया जा रहा है। क्या कांग्रेस रामायण और भगवद् गीता के भी खिला है? कांग्रेस का यह समझना चाहिए कि देश के हर सनातनी की भावनाएं गीता प्रेस से जुड़ी हैं।

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