रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम किसी भी जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन भेजने के लिए तैयार हैं। कलेक्टर अपने जिलों में फंसे मजदूरों की लिस्ट रेलवे के नोडल अधिकारियों तक पहुंचाएं। रेलवे 15 मई तक 1074 स्पेशल ट्रेनों से 14 लाख लोगों को उनके राज्यों में भेज चुका है। दूसरी ओर, गृह मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों की सुविधा और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए नेशनल माइग्रेंट इंफो सिस्टम (एनएमआईएस) डैशबोर्ड तैयार किया है। केंद्र ने राज्य सरकारों से इस पर मजदूरों की जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है।
गुजरात से 350 ट्रेनों से भेजे गए 5 लाख कामगार
गुजरात से खबर है कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश से करीब 5 लाख मजदूरों को उनके गृह प्रदेशों तक भेजा जा चुका है। शुक्रवार देर रात तक 41 ट्रेन अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा व अन्य शहरों से 41 हजार कामगारों को लेकर रवाना हुईं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सचिव अश्वनी कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान अपने राज्य जाने के इच्छुक कामगारो और मजदूरों को Shramik special trains से भेजा जा रहा है।
गुजरात से अब तक 350 श्रमिक स्पेशल ट्रेन उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए रवाना हुईं। इन ट्रेनों में 4 लाख 70 हजार से अधिक कामगारों को उनके प्रदेश भेजा गया। सबसे अधिक ट्रेन उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए रवाना हुईं। गुजरात से कई कामगारों को बसों से भी भेजा गया है।
भारतीय रेल ने अभी तक 932 ट्रेनों के जरिये 12 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है। Shramik special trains तब और भी अहम हो जाती हैं तब रेलवे यह ऐलान कर चुका है कि रेग्युलर ट्रेनें 30 जून तक रद्द रहेंगी।