कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को लगाई फटकार,
कहा,टीएन शेषन ने जो किया उसका 10% भी इम्पैक्ट नहीं
कोरोना काल में 8 चरणों में चुनाव को लेकर भी आयोग को
कठघरे में खड़ा किया. तभी तो मोदी-शाह ने दौरा रद्द किया
नई दिल्ली: कलकत्ता हाईकोर्ट ने देश के दूसरे हिस्सों की तरह बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद आठ चरणों में चुनाव को लेकर चुनाव आय़ोग को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने आशंका जताई कि चुनावी रैलियां कोरोना की सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती हैं. कोर्ट ने कहा कि आयोग हाथ पर हाथ धरे बैठा है, जबकि उसके पास सारी शक्तियां हैं.चुनाव आयोग बंगाल में बाकी चरणों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अपील को पहले ही ठुकरा चुका है.
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग को अधिकार संपन्न किया गया है, लेकिन वह कोरोना काल में चुनाव को लेकर क्या कह रहा है. आयोग सिर्फ सर्कुलर जारी कर रही है और सब कुछ जनता पर छोड़ देता है. लेकिन आयोग को आदेश का अनुपालन कराने का अधिकार है. अदालत ने कहा कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने जो किया था, अब आयोग उसका 10 फीसदी भी नहीं कर रहा है.
गौरतलब है कि टीएन शेषन ने चुनाव आयोग की आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया था और 1990 के दशक में चुनाव सुधारों को लागू कराया था. राहुल गांधी ने भी कहा था, आज के वक्त के उलट, जब चुनाव आयोग निष्पक्ष था और साहस और बिना भय के काम करता था. टीएन शेषन उनमें से एक थे. उनके निधन पर उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं थीं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नवंबर 2019 ट्वीट कर यह प्रतिक्रिया दी थी.
कोलकाता हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब अधालत में दायर तीन य़ाचिकाओं में कहा गया है कि चुनाव आयोग के पास कोविड गाइडलाइन का पालन कराने का कोई अधिकार नहीं है और कोर्ट को इस मामले में दखल देना चाहिए. चुनाव आयोग बंगाल में बाकी चरणों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अपील को पहले ही ठुकरा चुका है.
हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद इधर PM मोदी व
शाह ने प्रचार के लिए बंगाल नहीं जाने की घोषण की
अध्यक्ष नड्डा और अन्य BJP नेताओं की रैलियां भी रद्द
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट करके यह जानकारी दी. उन्होंने फेस सेविंग करते हुए लिखा, ‘कल कोविड-19 के हालात की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा लूंगा. इसके कारण पश्चिम बंगाल नहीं जा रहा हूं.”पीएम की ओर से बंगाल दौरे को रद्द किए जाने के बाद बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं की पश्चिम बंगाल की रैलियाँ भी रद्द हुईं. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैलियाँ रद्द की गई हैं. इससे पहले, पहले बीजेपी ने कहा था कि अधिकतम 500 लोगों की मौजूदगी वाली सभाएं होंगी. अब केवल जिला स्तर पर संपर्क के लिए स्थानीय नेता जनसभा करेंगे और वह भी ज़रूरत पड़ने पर. कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
पीएम मोदी को बंगाल में चार रैलियों को संबोधित करना था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार की अपनी तीन में से दो रैलियों को कैंसल कर दिया और पहली रैली को संबोधित करने के बाद ही दिल्ली लौटने का फैसला किया है.
यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के लिए अपने पश्चिम बंगाल दौरे को रद्द किया है. उन्हें यहां रैलियों को संबोधित करना था. ऐसे समय जब देश कोरोना की दूसरी लहर का समाना कर रहा है, पीएम व बीजेपी के अन्य नेताओं तथा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सभाओं में काफी भीड़ उमड़ रही है, इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.