करदाता बचकर चलें, सोशल मीडिया से

 

वित्तमंत्री बोली – अहम सुराग देता है डिजिटल प्लेटफार्म:*

 

 

 

नए आयकर अधिनियम में टैक्स अधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं कि वे किसी भी व्यक्ति के ईमेल, सोशल मीडिया खाते, आदि की जानकारी को कानूनी रूप से खोल सकते हैं, देख सकते हैं, हैक कर सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे न केवल निजता का हनन कहा जा रहा है बल्कि व्यक्ति की निजी जानकारियों का गलत उपयोग को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता।

 

ऐसे में वित्तमंत्री ने लोकसभा में इस कानून का बचाव करते हुए बताया कि कर अधिकारियों को डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच प्रदान करना कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है. व्हाट्सएप मैसेज से क्रिप्टो परिसंपत्तियों के प्रूफ मिले है.

 

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो एसेट के व्हाट्सऐप संदेशों से सबूत मिले हैं. व्हाट्सऐप कम्युनिकेशन से 200 करोड़ रुपये की बेहिसाबी धनराशि का पता लगाने में मदद मिली है.

 

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि नकदी छिपाने के लिए अक्सर प्रयोग किए जाने वाले स्थानों की पहचान करने के लिए Google Maps हिस्ट्री का इस्तेमाल किया गया और बेनामी संपत्ति के स्वामित्व का पता लगाने के लिए इंस्टाग्राम खातों का विश्लेषण किया गया।

 

सीतारमण ने कहा कि यह कदम टैक्स एन्फोर्समेंट को नई तकनीक के साथ अपडेट रखने में मदद करता है. साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी परिसंपत्तियों की अनदेखी न की जाए.

 

निर्मला सीतारमण ने सदन को बताया कि नया विधेयक अधिकारियों को ईमेल, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन को छिपाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले व्यावसायिक सॉफ्टवेयर और सर्वर तक पहुंच का अधिकार देता है.

 

उन्होंने कहा कि अदालत में कर चोरी साबित करने और कर चोरी की सही राशि की गणना करने के लिए डिजिटल खातों से साक्ष्य एकत्र करना महत्वपूर्ण है.

 

*साफ है सरकार कर चोरी के मामले में निजता के हनन को भी जायज कहेगी और अब जब नया आयकर कानून लागू होने के लिए तैयार है, ऐसे में करदाता सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक जानकारी डालने से बचें एवं सभी वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड अपने दस्तावेजों किताबों में दर्ज रखें।*

 

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर