कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की प्रोत्साहन राशि पचाने की फिराक में जिलें के अधिकारी

 

मनीष कुमार राठौर :
भोपाल । वैश्विक महामारी कोविड 19 में अपनी जान की परवाह न करते हुए निरंतर कार्य करने के बावजूद भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अधिकतम देय प्रोत्साहन राशि से वंचित रखा जा रहा है । आखिर क्या कसूर है उन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का जो उन्हें उनके हक से दूर किया जा रहा है ? क्या ऐसा ही परिणाम पाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपना दायित्व निभाया था ? वही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश की संचालक के द्वारा अप्रैल में आदेश दिया गया था कि जिन कम्युनिटी हेल्थ ऑफिस की ड्यूटी कोविड 19 प्रबंधन में सहयोग के लिए लगाई जाएगी उनको वेतन के अतिरिक्त दिया जाने वाला ग्रैंड का 50 प्रतिशत भुगतान कोविड कार्य को देखते हुए व 50 प्रतिशत उनके मूल कार्य को मद्देनजर रखते हुए किया जाये । परंतु मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है । मध्यप्रदेश की बहुत सी उप स्वास्थ्य केंद्र अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि PBI की राशि के लिए जिला मुख्यालय पर परसेंटेज राशि की माँग की जाती है । ऐसा एक जिलें का हाल नही है । प्रदेश के अधिकतर जिला मुख्यालय पर अपनी तनख्वाह और प्रोत्साहन राशि के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र अधिकारी को भटकना पड़ता है । क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ऐसी जिलों पर लगाम लगाने में कामयाब होगा ? आखिर क्यों CHOs की 50% PBI राशि देने में हिचकिचाहट हो रही जिला स्वास्थ्य विभाग को ? क्या जिला मुख्यालय पर बैठे स्वास्थ्य अधिकारी अपनी मनमानी नही कर रहे ? क्या NMH के आदेश की अवेलहन करना अपराध नही है ? आखिर कब ऐसे जिलें में बैठे अधिकारियों को सजा मिलेगी ?
क्या कहना है ।
खबर के संबंध में कार्यक्रम नोडल अधिकारी को फ़ोन किया गया परंतु उन्हीने कॉल नही उठाया ।
ओ पी तिवारी राज्य नोडल अधिकारी

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