कमलनाथ को ‘बैक फुट’ से ‘फ्रंट फुट’ पर ले आई भाजपा

 

प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का भाजपा सरकार का पांसा उलटा पड़ता दिख रहा है। हनीट्रैप कांड की आरिजनल पेन ड्राइव अपने पास होने की बात कह कर कमलनाथ बैकफुट पर थे। उन्होंने सेल्फ गोल जैसा किया था। इसके लिए हर तरफ उनकी आलोचना हो रही थी लेकिन भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करा कर कांग्रेस को फ्रंट फुट पर खेलने में मदद कर दी है। कमलनाथ पर एफआईआर के खिलाफ बिखरी कांग्रेस प्रदेश भर में एकजुट ही नहीं हुई बल्कि मैदान में मोर्चा संभाल लिया है। जनता के रिस्पॉन्स से उत्साहित कमलनाथ ने भी कोविड से मौतों के आंकड़ों का सच बताने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ वे प्रमुख धार्मिक स्थलों में भी जा रहे है। उज्जैन में वे महाकाल के दर्शन कर चुके हैं अब मैहर मां शारदा की शरण में जाने की तैयारी है। कमलनाथ देवी देवताओं से कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करेंगे और कोविड पर सरकार के खिलाफ अपने अभियान को गति भी देंगे।

एफआईआर से मिली जनता की सहानुभूति
– प्रदेश के हर नागरिक को यह मालूम है कि सरकारी तौर पर जारी आंकड़ों में कोविड से जितनी मौतें बताई जा रही थीं, श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों में उससे कई गुना ज्यादा शवों के अंतिम संस्कार हो रहे थे। हालात ये थे कि विश्राम घाटों में लकड़ी कम पड़ रही थी और कब्रिस्तानों में कब्र खोदने जेसीबी मशीनों तक की मदद लेना पड़ रही थी। अंतिम संस्कार सड़कों में हो रहे थे और विश्राम घाटों में नंबर आने के लिए कतार लगाना पड़ रही थी। लिहाजा, कोई भी सरकारी आंकड़ों को सच नहीं मान रहा था। इसी मुद्दे को कमलनाथ ने उठा दिया और कह दिया कि प्रदेश में एक लाख से ज्यादा मौतें कोरोना से हुई हैं। कमलनाथ ने जनता की दुखती रग पर हाथ रखा था। भाजपा ने इस मसले पर शांत रहने की बजाय अभियान चलाकर कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। इससे कांग्रेस और कमलनाथ को संजीवनी मिल गई। जनता की सहानुभूति कमलनाथ के साथ दिखाई पड़ने लगी। इसीलिए कमलनाथ सहित कांग्रेस के अधिकांश नेताओं ने कहा है कि पार्टी एफआईआर से डरेगी नहीं बल्कि सच बोलती रहेगी। लिहाजा, कमलनाथ उज्जैन में जाकर महाकाल के दर्शन के साथ मीडिया से बात कर अपनी बात दोहरा चुके हैं, अब वे लगभग हर प्रमुख शहर में जाकर अपनी बात रखेंगे और विश्राम घाटों, कब्रिस्तानों के आधार पर मौतों का आंकड़ा जारी करेंगे।
भोपाल, इंदौर में कांग्रेस ऐसा कर चुकी है।

28 को मां शारदा के दर पर होंगे कमलनाथ
– कमलनाथ 22 मई को उज्जैन में महाकाल मंदिर में पूजा के बाद अब 28 मई को मैहर जा रहे हैं। यहां वे मां शारदा देवी के दर्शन करेंगे। खबर है कि कमलनाथ का प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर जाने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। 30 मई को उनका फिर किसी धार्मिक स्थल पर जाने का कार्यक्रम है। कमलनाथ मंदिर-मंदिर घूम कर अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि को बरकरार रखने के प्रयास में भी हैं ताकि आगामी चुनाव में भाजपा को सवाल उठाने का कोई मौका ना मिले। हालांकि अगला चुनाव कांग्रेस कमलनाथ के ही नेतृत्व में लड़ेगी, यह कहना जल्दबाजी होगी। बहरहाल, वे देश-प्रदेश को कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए भगवान के दरबार में अर्जी लगा रहे हैं, इसके साथ प्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर करने का अभियान भी जारी रखेंगे। उन्होंने कोरोना काल में पूरा सिस्टम भगवान भरोसे होने का आरोप लगाया है। कमलनाथ पर एफआईआर को लेकर कांग्रेस अक्रामक है और अब भाजपा बैक फुट पर।

 

दिनेश निगम त्यागी( लेखक के अपने  विचार हैं मध्य उदय इस लेख की जिम्मेदार नहीं है)

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