मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ आज कोरोना को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री रहते कोरोना से प्रदेश को बचाने के लिए कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम बना तब तक इंदौर कोरोना की गिरफ्त में था, क्योकि मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ जी को कोरोना संकट से ज्यादा आइफा आयोजन चिंता थी,कमलनाथ कोरोनावायरस संकट पर ध्यान देने के बजाय इंदौर में आईफा के आयोजन करवाने की चिंता ज्यादा थीं। उन्होंने कहा की समय रहते अगर कोरोना को लेकर कमलनाथ सरकार जाग जाती और आवश्यक कदम उठा लेती तो आज प्रदेश की हालत बेहतर होती। श्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार में कोरोना को लेकर टेस्टिंग लैब तक नही थी आज प्रदेश में 19 लैब है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मिलकर मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। मुख्यमंत्री से मंत्री – विधायक मिल नहीं पाते थे लेकिन दलाल वल्लभ भवन के चक्कर काटते थे। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर धोखा दिया था। और जब वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों की दुर्दशा को लेकर सड़कों पर उतरने की बात की तो उन्हें भी कमलनाथ ने अपमानित किया। सिंधिया जी के नेतृत्व में तुलसीराम सिलावट और उनके साथियों ने अपने मंत्री पद को त्यागकर कमलनाथ सरकार से मध्य प्रदेश को बचाया है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर समरस होकर संगठन को ओर मजबूत करेंगे।