बात अगर हिल स्टेशन की हो, तो भारत में इनकी लिस्ट काफी लंबी है। नैनीताल, मसूरी, शिमला, मनाली और भी ऐसे तमाम हिल स्टेशन भारत की खूबसूरती के साथ पर्यटकों के दिल को खूब भा रहे हैं। अगर आप हर साल छुट्टियां मनाने हिल स्टेशन पर जाते हैं, तो ज्यादातर के नाम आपको पता होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैंο। हम बात कर रहे हैं मुनस्यारी की।
मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरा जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। ऊंचे पहाड़ और चोटियों के सुंदर नजारों के कारण इसे मिनी कश्मीर कहा जाता है। ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए भी यह जगह काफी मशहूर है। लेकिन इसके आसपास घूमने वाली कई ऐसी जगह हैं, जहां आप छुट्टियां मनाने जा सकते हैं।
बिरथी वॉटरफॉल
यह एक नेचुरल वॉटरफॉल है , जो मुनस्यारी से 35 किमी दूर है। यहां 126 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी ताजगी का अहसास कराता है। हरे-भरे परिवेश के साथ, यह जगह सुकून से बैठने, चाय और दोपहर के भोजन का आनंद लेने के लिए एक परफेक्ट प्लेस है। फोटोग्राफी और पेंटिंग के शौकीन लोगों को यहां जरूर जाना चाहिए।
माहेश्वरी कुंड
मुनस्यारी से 3.5 किमी पैदल चलेंगे, तो महेश्वरी कुंड मिलेगा। यहां से आप पंचाचूली की खूबसूरत चोटियों के नजारे देख सकते हैं। इस जगह के साथ एक बहुत अच्छी किंवदंती जुड़ी है। यहां एक यक्ष रहते थे, जिन्हें गांव के सरपंच की लड़की से प्यार था। गांव वालों को यह बात पता चली , तो उन्होंने विरोध किया। गांव वालों से क्रोधित होकर उन्होंने इस गांव को सदा सूखा रहने का श्राप दे दिया। कई वर्षों तक गांव सूखा रहा, फिर गांव वालों के माफी मांगने के बाद यहां सूखे का अंत हुआ। हालांकि, आज आपको यहां बस एक तालाब ही मिलेगा।
नंदा देवी
नंदा देवी मुनस्यारी का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है, जो मुनस्यारी से करीब 2.5 किमी दूर है। अगर आप मुनस्यारी से टैक्सी लेकर आते हैं, तो 400-500 रुपए तक का किराया देना पड़ेगा। गेट से अंदर तक तक की दूरी 150 मीटर की है। यहां आपको पैदल ही चलकर जाना पड़ेगा। यहां से पंचाचूली और हिमालय पर्वत का नजारा साफ देखने को मिलता है। मंदिर, 1000 साल पुराना है और आज भी अच्छी तरह से संरक्षित है।
पंचाचूली
यह वह पर्वत है, जो मुनस्यारी से साफ तौर पर दिखता है। जौहर घाटी में स्थित पांच चोटियों के कारण इसे पंचाचूली नाम दिया गया है। अगर आप यहां जाएंगे, तो देखेंगे कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ये चोटियां सोने की तरह चमकती हैं। आलम ये है कि हर कोई मुनस्यारी का ये नजारा देखने के लिए बेकरार रहता है। गर्मियों में तो ये पहाड़ पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है ।
बेटुली धार
यह जगह मुनस्यारी से केवल 7 किमी दूर है। 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, बेटुली धार पूरी तरह से खिले हुए लाल रोडोडेंड्रोन से ढका हुआ है। हालांकि, इस जगह की सबसे प्रमुख विशेषता यहां का सूर्यास्त और सूर्योदय है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
दरकोट
मुनिस्यारी से सिर्फ 6 किमी दूर एक छोटा सा विचित्र गांव शॉपिंग के शौकीन लोगों के लिए स्वर्ग है। यहां के पश्मीना शॉल और भेड़ के ऊन के कंबल पूरे भारत में मशहूर हैं। यह भोटिया लोगों का गांव है। यहां गांव जैसे कच्चे घर देखे जाते हैं जो कुमाऊं की संस्कृति को दर्शाते हैं। अगर आप प्रकृति प्रमेही, घुमक्कड या कला प्रेमी हैं, तो आपको यहां एक बार जरूर जाना चाहिए।
कैसे पहुंचें मुनस्यारी
ट्रेन से: मुनस्यारी के पास दो नजदीकी रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम और टनकपुर। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी की दूरी 276 किमी और टनकपुर रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी की दूरी 285 किमी है। दिल्ली से काठगोदाम के लिए तीन सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं जो हर दिन चलती हैं।
फ्लाइट से: मुनस्यारी से करीबी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। यहां से मुनस्यारी 370 किमी दूर है। आप आईजीआई दिल्ली हवाई अड्डे या भारत के किसी भी घरेलू हवाई अड्डे से उड़ान ले सकते हैं। पंतनगर हवाई अड्डे से मुनस्यारी के लिए टैक्सी,प्राइवेट व्हीकल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेने की सलाह दी जाती है।
सड़क द्वारा: दिल्ली से मुनस्यारी की यात्रा करना आसान है। अगर आप पूर्वी भारत, पश्चिमी भारत, दक्षिणी भारत या कहीं से भी आ रहे हैं, तो पहले आपको दिल्ली आना चाहिए। दिल्ली से मुनस्यारी की दूरी 625 किमी है। आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट व्हीकल से जा सकते हैं। पहुंचने में 15-16 घंटे लगेंगे।