एमपी के जिलों में 30 जून तक हो सकेंगे ट्रांसफर, 12वीं में टाप करने वाले 9 हजार विद्याथियों को देंगे स्कूटी

 मध्‍य प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले गुरुवार से हो सकेंगे। 30 जून तक तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने का निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

जिले के भीतर स्थानांतरण करने का अधिकार प्रभारी मंत्री को दिया गया है। राज्य स्तर पर तबादले वर्तमान व्यवस्था के अनुरूप ही मुख्यमंत्री समन्वय से होंगे। कैबिनेट में निर्णय होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति-2023 भी जारी कर दी। बैठक में हायर सेकेंडरी में स्कूल में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी देने का भी निर्णय लिया गया।

बता दें, नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मंत्री और विधायक स्थानीय स्तर पर जमावट के लिए तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे। पिछली कैबिनेट बैठक में भी मंत्रियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया था।

मंत्री राज्य स्तर पर भी तबादला करने का अधिकार चाहते थे पर चुनाव आयोग के 31 जुलाई तक राज्य संवर्ग के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को स्थानांतरित करने के निर्देश को देखते हुए केवल जिले के भीतर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले करने का अधिकार दिया गया।

शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने युवा संवाद के दौरान की थी। इस वर्ष नौ हजार विद्यार्थियों को ई-स्कूटी मिलेगी। जहां इसकी एजेंसी नहीं है, वहां स्कूटी दी जाएगी। इसके लिए 135 करोड़ रुपये के बजट की अनुमति दी गई।उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा को छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने और योजना में मानविकी विषय को शामिल करने के प्रस्ताव को भी अनुमति दी गई।

 

नए क्षेत्र में सहकारी समितियों का होगा गठन

 

बैठक में सहकारी नीति-2023 का अनुमोदन किया गया। इसमें रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पर्यटन, खनिज, विद्युत एवं जल वितरण, ग्रामीण परिवहन, जैविक उत्पाद, एक जिला-एक उत्पाद के विपणन और प्रसंस्करण, कृषि उपकरण बैंक सहित अन्य क्षेत्रों में सहकारी समितियां गठित की जाएंगी।

सहकारी समितियों के चुनाव समय पर करवाने और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए समितियों को सशक्त बनाया जाएगा। निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए जिलों में कोर ग्रुप बनाए जाएंगे।

पंचायतें कराएंगी 25 लाख रुपये तक के निर्माण के कार्य

यह निर्णय भी लिया गया कि पंचायतें 25 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य करवा सकेंगी। अभी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से ये काम कराए जाते थे। पंचायतों को दो-दो नए काम करने की स्वतंत्रता देने का भी निर्णय लिया गया है। हैंडपंप मैकेनिकों को अब प्रति हैंडपंप 75 रुपये के स्थान पर सौ रुपये मानदेय दिया जाएगा।

इसके लिए अधिकतम सीमा 120 हैंडपंप की रहेगी। ओंकारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सोलर परियोजना से उत्पादित बिजली शासन द्वारा खरीदी जाएगी। इसके भुगतान की गारंटी परियोजना विकास को राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।

 

 

अन्य निर्णय– अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फार प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में अब मानदेय आठ के स्थान पर दस हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इंटर्न की नियुक्ति ब्लाक के साथ-साथ पंचायत स्तर पर की जाएगी।

– 15,995 करोड़ रुपये की 29 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं को स्वीकृति।

– सिंगरौली के सिंगरौलिया में निजी जन-भागीदारी से नई हवाई पट्टी के निर्माण, बाउंड्रीवाल, दो हेलीपेड, एक हैंगर, प्रशासकीय भवन, विद्युत लाइन को हटाने सहित अन्य कार्यों के लिए 40 करोड़ 19 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति।

– औबेदुल्लागंज-नर्मदापुरम- नागपुर मार्ग में नर्मदा नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण के लिए 129 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति।

– मध्य प्रदेश के स्थायी निवासी शौर्य अलंकरण श्रृंखला, युद्ध सेवा, मेडल श्रृंखला एवं विशिष्ट सेवा श्रेणी के मेडल प्राप्तकर्ताओं को दी जाने वाली पुरस्कार की राशि में वृद्धि के निर्णय का अनुमोदन।

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