कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच समय बढ़ाए जाने को लेकर NTAGI के चेयरमैन डॉ. एनके अरोडा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने का फैसला वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर और पारदर्शी तरीके से लिया गया है. उन्होंने कहा कि NTAGI के सदस्यों के बीच इस पॉइंट को लेकर कोई असहमति नहीं थी. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में मौजूद डेटा के आधार पर सदस्यों ने वैक्सीन की दो डोज के बीच के गैप को बढ़ाने की सिफारिश की थी.
अरोड़ा के हालिया बयान न्यूज एंजेंसी रॉयटर्स की उन रिपोर्ट्स के बाद आए हैं, जिनमें दावा किया गया था कि केंद्र सरकार ने वैज्ञानिक समूह की सहमति के बिना या बिना किसी पर्याप्त डेटा के कोविशील्ड की दो डोज के बीच के गैप को दोगुना कर दिया है. अरोड़ा ने समझाते हुए कहा, “हमने देखा कि यूके जैसे कुछ देशों में वैक्सीनेशन शुरू करते समय वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 हफ्तों का अंतराल रखा गया था. हमें इसकी जानकारी थी लेकिन हमने 4 हफ्तों का ही अंतराल तय किया.”
गैप बढ़ाने से ये फायदे आए सामने
उन्होंने कहा, “बाद में हमें कई और वैज्ञानिक प्रमाण और डेटा मिले, जिनके आधार पर हमने पाया कि वैक्सीन की दो डोज के पीछे 4 हफ्तों का गैप होने से वैक्सीन की प्रभावकारिता लगभग 57 प्रतिशत और 8 हफ्तों का गैप होने से लगभग 60 प्रतिशत तक हो जाती है.” अरोड़ा ने कहा कि ‘उस समय हमने इस बात पर चर्चा भी की थी कि हम दो डोज के बीच 12 हफ्तों का गैप क्यों नहीं रख सकते, लेकिन कोई भी फैसला लेने से पहले हमने ब्रिटेन से जमीनी स्तर के डेटा के आने का इंतजार किया, क्योंकि भारत के अलावा ब्रिटेन एस्ट्राजेनेका कोविड शॉट्स का इस्तेमाल करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है.’
उन्होंने आगे कहा, “अप्रैल के आखिरी हफ्ते में, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के आंकड़ों से पता चलता है कि जब वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 हफ्तों का गैप रखा जाता है तो इसकी प्रभावकारिता 65 से 88 प्रतिशत के बीच हो जाती है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा विचार था, क्योंकि अब तो इसके वैज्ञानिक कारण भी थे. इसीलिए 13 मई को कोविशील्ड की दो डोज के बीच के गैप को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने का फैसला लिया गया”. अरोड़ा ने बताया कि 12 से 16 हफ्तों का गैप इसलिए रखा गया है, क्योंकि ये जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति ठीक 12 हफ्तों में ही दूसरी डोज लेने के लिए आ सके.
कई डॉक्टरों ने फैसले का किया है स्वागत
डॉ. एन. के. अरोड़ा की अध्यक्षता वाले कोविड वर्किंग ग्रुप ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने की सिफारिश की थी, जिसे 13 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया था. इस फैसले को लेकर कई डॉक्टरों ने टिप्पणी की है कि कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच के अंतर को पहले के 6 से 8 हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करना एक उचित दृष्टिकोण है और इससे वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना नहीं है.