इंदौर में कंटेनमेंट में 1 लाख लोग, 200 टीमें जांच में 10 दिन लेंगी
इंदौर. कोरोना से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिक से अधिक स्क्रीनिंग कर मरीजों की पहचान, चिह्नित लोगों को क्वारेंटाइन करने और सैंपल की अधिक जांच करने का तीन सूत्रीय मंत्र दिया है। इंदौर में शासन और प्रशासन का फोकस इन्हीं तीन बातों पर है, लेकिन स्क्रीनिंग के मामले में जिला प्रशासन को अभी भी काम करने और भीलवाड़ा से सीख लेने की जरूरत है।
पीएम के तीन मंत्रों पर इस तरह हो रहा इंदौर में काम
स्क्रीनिंग:
इसका आशय कंटेनमेंट एरिया वाले मरीजों की प्रारंभिक जांच करना है, जिससे किसी भी मरीज में कोरोना के लक्षण दिखें तो इन्हें क्वारेंटाइन किया जा सके। भीलवाड़ा में जैसे ही पांच मरीज पॉजिटिव आए, जिला प्रशासन ने तत्काल छह हजार टीमें गठित कर पूरे जिले की 24 लाख आबादी की नौ दिन में जांच करा दी और इसमें से 18 हजार मरीज चिह्नित कर क्वारेंटाइन करना शुरू कर दिया। इससे वहां मरीजों की संख्या 22 तक सिमटकर काबू में आ गई। वहीं इंदौर ने 25 से ज्यादा कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिए हैं, जहां करीब एक लाख की आबादी इस जोन में आ रही है। मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए केवल 200 टीम बनी हैं और एक टीम एक दिन में अधिकतम 50 लोगों की स्क्रीनिंग करेगी, जिससे एक दिन में दस हजार लोगों की ही जांच हो सकेगी। यानी केवल कंटेनमेंट एरिया की आबादी के लिए ही दस दिन लग जाएंगे। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि अभी हमारा फोकस क्वारेंटाइन पर था। अब हम टीमों की संख्या बढ़ा रहे हैं। लोगों से भी अपील है कि कुछ भी छिपाएं नहीं।
सैंपल की जांच
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर दिन औसतन दो सौ से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें से करीब सौ की जांच इंदौर मंे हो रही है और बाकी एम्स मंे जा रहे हैं। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि इंदौर की लैब में और मशीन लग रही हैं, जिससे यहां एक दिन में 150 सैंपल की जांच हो जाएगी। इससे जांच में तेजी आएगी। अभी तक 772 सैंपल की जांच हो चुकी है, जिनमें 89 पॉजिटिव आए हैं।

क्वारेंटाइन
जो भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उनके सबसे नजदीकी लोगों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। यदि उनके घर पर व्यवस्था है तो होम क्वारेंटाइन, नहीं तो मैरिज गार्डन व होटल में बनाए गए क्वारेंटाइन हाउस में ले जाया जा रहा है। अभी तक करीब दो हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है। ये वह लोग हैं जो पॉजिटिव आए 85 मरीजों के करीबी, पड़ोसी आदि थे। संभागायुक्त त्रिपाठी ने कहा कि अब सभी को क्वारेंटाइन करने की जगह केवल एकदम नजदीकी, संपर्क वालों को ही क्वारेंटाइन करेंगे।
कंटेनमेंट क्षेत्र में युद्ध जैसा प्लान; हेडक्वार्टर में होते हैं जमा, फिर तय होता है, कहां जाएंगे
रानीपुरा/दौलतगंज से गौरव शर्मा. 10 लोगों की मेडिकल टीम रानीपुरा पहुंचती है। पुलिस चौकी में बनता है हेडक्वार्टर। यहीं पहले प्लानिंग की जाती है, कितनी टीमें बनेंगी? कहां-कहां से सैंपल लेना है? कितनों की स्क्रीनिंग करना है। एक सदस्य लिस्ट तैयार करती है। इस बीच एडीएम पवन जैन मौके पर पहुंचते हैं। कहते हैं, जिन घरों में मरीज सामने आए हैं, वहां आसपास के लोगों की भी जानकारी ली जाए। तंग गलियों से होकर टीम उस परिवार तक पहुंचती है, जहां कोरोना पॉजिटिव आए हैं। टीम में शामिल डॉ. राधा गुप्ता सुबह से रात तक ड्यूटी करती हैं फिर घर जाती हैं, लेकिन खुद को आइसोलेशन में रखती हैं। डॉ. सरिता गुप्ता, अनिता राठौर, विजय कठोर सहित टीम के अन्य सभी सदस्यों का कहना है अभी हमारे लिए परिवार से ज्यादा ड्यूटी महत्वपूर्ण है।
48 घंटों में बनाई ऑटोमैटिक सैनिटाइजर स्प्रे मशीन
मंदसौर में समाजसेवी व मशीन निर्माता नाहरू भाई ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए मात्र 48 घंटे में ऑटोमैटिक सैनिटाइजर स्प्रे मशीन बना दी। वे मशीन को शनिवार को जिला अस्पताल में दान करेंगे। इससे अस्पताल में दाखिल होने वाले डाॅक्टर, नर्स स्टाफ व मरीजों को सैनिटाइज्ड करने के बाद प्रवेश मिल सकेगा। नाहरू भाई पहले भी कई नवाचार कर सम्मानित हो चुके हैं। वे सिर्फ दूसरी पास है। उन्होंने यूट्यूब पर सर्च कर यह मशीन बनाई है।