एमटीएच अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक वार्डबॉय की मौत हो गई। उसने पीपीई किट पहनकर काम शुरू ही किया था कि अचानक वह गश खाकर गिर पड़ा। उसे तुरंत वेंटिलेटर पर भी लिया गया था। संगठनों ने उसके स्वजन को मुख्यमंत्री योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये की मदद देने की मांग की है।
48 वर्षीय वार्डबॉय सुरेश पुत्र बाबूलाल चौहान एमवाय अस्पताल में पदस्थ था। हाल ही में उसकी ड्यूटी 18 से 27 मई के लिए एमटीएच अस्पताल में लगाई गई थी। यह अस्पताल कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए चिन्हित है।
सुरेश की ड्यूटी भी कोरोना के मरीजों के वार्ड में थी। साथी कर्मचारियों ने बताया कि रविवार को सुरेश की नाइट ड्यूटी थी। सोमवार दोपहर दो बजे वह ड्यूटी पर आया। उसने पीपीई किट पहनी और अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर गया। कुछ देर बाद ही वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर पड़ा। हार्ट फेल होने से उसकी जान नहीं बच सकी।
उसे उच्च रक्तचाप भी था, बावजूद इसके उसकी ड्यूटी लगाई गई थी। मप्र अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) ने कर्मचारी के स्वजन को आर्थिक मदद की मांग की है। संघ के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष करण भगत ने मांग की कि मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योद्धा योजना के अंतर्गत मृत कर्मचारी के स्वजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद तुरंत दी जाए।