आसमां को ज़िद है जहां बिजलियां गिराने की, हमें भी ज़िद है वहीं आशियां बनाने की: सिद्धू

 

 

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में शुरू से खड़े हैं. कल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें दिल्ली के कई जगहों पर जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई. बात इतनी खराब हो गई की प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर कब्जा कर वहां अपना झंडा फहरा दिया.

नवजोत सिंह सिद्धू ने किसानों के समर्थन में एक ट्वीट किया है जिसमें कविता की चार लाइनें हैं. ये लाइनें आप पढ़ेंगे तो आपको समझ आ जाएगा कि कैसे सिद्धू सिर्फ इन चार लाइनों से ही केंद्र सरकार पर हमला भी कर रहे हैं और प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन भी दे रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “बादलों के दरमियां एक साज़िश हुई, मेरा बसेरा था जहां वहीं बिजली गिरी, आसमां को ज़िद है जहां बिजलियां गिराने की, हमें भी ज़िद है वहीं आशियां बनाने की .”

आपको बता दें, इन घटनाओं को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन में लगातार साथ निभा रहा विपक्ष भी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि आज तक कभी कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ नहीं जीत सकी है.

इससे पहले भी देते आए हैं समर्थन

कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा था, “अगर आप इतिहास से सबक नहीं लेते हैं, तो इतिहास खुद को दोहराता है. इतिहास हमें बताता है कि आज तक कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ नहीं जीत सकी है.” मालूम हो कि इससे पहले भी किसानों के मुद्दे के नाम पर वह सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर हाल ही में उन्होंने कहा था कि किसान अपने अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है.

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