आरक्षण खत्म करने के मुद्दे पर, जनता को गुमराह कर रहे भाजपा नेता: कांग्रेस

भाजपा की उत्तराखंड सरकार ने आरक्षण खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर, वंचितों के अधिकारों पर किया है शरारतपूर्ण, षड्यंत्रकारी और सुनियोजित हमला : शोभा ओझा

भोपाल, 14 फरवरी 2020,

मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि भाजपा के आरक्षण विरोधी रवैये पर पर्दा डालने के लिए, भाजपा के शिवराज सिंह और राकेश सिंह जैसे, जो नेता, कांग्रेस पर दोषारोपण कर रहे हैं, दरअसल वे अपनी पार्टी की उस अक्षम्य करनी पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं, जिसकी दोषी भाजपा की वह उत्तराखंड सरकार है, जो आरक्षण खत्म करने व दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का अधिकार छीनने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई।

आज जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में यदि हम देखें तो वंचितों के आरक्षण को खत्म करने का भाजपाई षड्यंत्र, अब बेनकाब हो चुका है। देश के संविधान की मूल भावना पर किए गए इस संघी-भाजपाई हमले का कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करेगी, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के संविधान-सम्मत मूल अधिकारों पर, भाजपा द्वारा जो शरारतपूर्ण, षड्यंत्र कारी और घिनौना हमला किया गया है, उसका जीता-जागता सबूत उत्तराखंड की भाजपा सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दी गई वह दलील है, जिसमें, जो प्रमुख बात कही गई है, वह यह है कि ‘दलितों और आदिवासियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का ‘‘फंडामेंटल राइट’’ यानि मौलिक अधिकार नहीं है। सरकारों पर आरक्षण को लागू करने का कोई वैधानिक दायित्व नहीं है।’

श्रीमती ओझा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण खत्म करने संबंधी भाजपा की उत्तराखंड सरकार की उक्त अपील ऐसे समय में आई है, जब केंद्र में भाजपा की ही मोदी सरकार विराजमान है, ऐसे में भाजपा दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों सहित, देश की जनता को, इस मुद्दे पर न बरगला सकती है, न ही पल्ला झाड़ सकती है। उसका असली चेहरा, अब जनता के सामने बेनकाब हो चुका है। कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाकर, वह अपनी हरकतों और करतूतों पर पर्दा नहीं डाल सकती।

अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि संघ और भाजपा की अंबेडकर, आरक्षण व संविधान विरोधी सोच को, इस देश और प्रदेश की जनता भलीभांति जानती है, इसलिए शिवराज सिंह और राकेश सिंह जैसे शातिर और षड्यंत्रकारी भाजपा नेताओं को, कांग्रेस या किसी अन्य पर, इस विषय में मनगढ़ंत आरोप लगाने और दोषारोपण करने की बजाय, अपने इस दलित, आदिवासी व पिछड़ा विरोधी अक्षम्य और दुस्साहसी कदम के लिए, अपनी पार्टी की गलती को स्वीकार कर, समूचे देश से अविलंब माफी मांगनी चाहिए।

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