भोपाल
विगत दिनों भोपाल के श्यामला हिल्स थाना के अंतर्गत आने वाले रविन्द्र भवन की पार्किंग में एक आर.टी.आई एवं व्हिसल-ब्लोअर, सामाजिक कार्यकर्ता पर रेप का आरोप एक आदिवासी नाबालिग लड़की ने लगाया। सूत्रों के अनुसार इस घटना के संबंध में दिनांक 07 फरवरी 2025 को श्यामला हिल्स पुलिस थाना भोपाल में लड़की ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के संबंध में आरोपी ने अपने बयान भी श्यामला हिल्स थाने में दर्ज करा दिए थे। उसके बाद 20 फरवरी को मऊगंज जिला अंतर्गत मऊगंज थाना में लड़की ने पुनः शिकायत की जिस पर मऊगंज पुलिस थाना ने जीरो में FIR दर्ज कर श्यामला हिल्स थाना भोपाल भेज दी।
सामाजिक कार्यकर्ता की सफाई
सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत का कहना है कांग्रेस पार्टी उक्त आदिवासी बच्ची को टूल किट की तरह उपयोग कर रही है जो कि बेहद शर्मनाक है और यह कांग्रेस पार्टी की, उसके नेताओं की तुच्छ राजनैतिक सोच दर्शाती है।
जो घटना इस संसार में घटित ही नहीं हुई और षडयंत्रपूर्वक झूठे मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर मेरे विरुद्ध झूठा केस दर्ज करा दिया गया । मैं उस लड़की को ना तो जानता हूँ और ना ही कभी मिला हूँ। यह पूरा का पूरा झूठा एवं प्रायोजित मामला है। उक्त शिकायत के संदर्भ में, मैं अपने कथन श्यामला हिल्स थाने में दर्ज करवा चुका हूं। भोपाल पुलिस द्वारा उक्त मामले में जांच करने की लिए मुझे बुलाया गया था जिसमें मैने अपने कथन दिए हैं। मैने अपने 30 जनवरी के 24 घंटे के आवागमन स्थानों, रास्तों, ऑफिसों, इत्यादि पूरी घटना का विस्तार से विवरण दिया है।
दिनांक 07 तारीख की शिकायत में उल्लेख घटना के समय मैं ED (प्रवर्तन निदेशालय) ऑफिस था उसके बाद EOW ऑफिस गया, उस समय सिर्फ मेरे अकेले का नाम लिया और दिनांक 20 फरवरी की शिकायत में 7:00 PM बजे घटना का समय बताया गया और उसमें मेरे साथ अन्य व्यक्ति का उल्लेख किया गया। इन षड्यंत्रकारियों ने ऐसा इसलिए किया ताकि कोई मेरे साथ खड़ा ना हो।
उल्लेख घटना के समय पर मैं 07 नंबर स्थित SDM कार्यालय, उसके बगल से लगी दुकानों, और बगल से लगे विद्यालय के स्थानों पर दोस्तों के साथ मौजूद था जिस दौरान मैने वहां हल्का फुल्का खाया नाश्ता भी किया था जिसका मैने पेमैंट भी किया है, उपरोक्त दोनों समय के पूरे वीडियो फुटेज, CDR इत्यादि शासन प्रशासन निकलकर सत्यता की पुष्टि कर सकता है और करनी ही चाहिए ताकि इन षड्यंत्रकारी लोगों का यह षडयंत्र उजागर हो जिससे मेरे और किसी अन्य निर्दोष के साथ ऐसा अन्याय ना हो।
घटना के समय दो कैसे हो सकते है!
लड़की का बार बार बयान बदलना कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है । दिनांक 07 फरवरी की शिकायत में लड़की ने रविन्द्र भवन में घटना का समय 4:00 PM बजे बताया और उसके बाद मऊगंज में 20 फरवरी की शिकायत में शाम 07:00PM बजे घटना के समय का उल्लेख किया जिसमें अन्य व्यक्ति को भी आरोपी बना दिया। दोनों ही समय में सिर्फ 3 घंटों का नहीं अपितु दिन और रात का अंतर है, उजाले और अंधेरे का फर्क है।
सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि वो तो देशहित, समाजहित, जनता से जुड़े हुए विषय उठाते रहता है एवं उनके समाधान के लिए शासन प्रशासन को अवगत कराने का अपना नैतिक कर्तव्य भी निभाता। उसने बताया कि उसकी अनेक शिकायतों पर शासन प्रशासन ने संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की है।
इस झूठे मामले और षडयंत्र के पीछे बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के पूर्व परियोजना अधिकारी नरेंद्र त्रिपाठी और जय गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक किशन मोदी का हाथ!
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि मुझे परेशान करने, प्रताड़ित करने एवं मेरी छवि का धूमिल करने के लिए षड्यंत्रकारी लोग कुत्सित कृत्य कर रहे हैं। षड्यंत्रकारियों द्वारा आदिवासी लड़की को टूल किट की तरह उपयोग कर झूठा मामला दर्ज कराया गया हैं।इन षड्यंत्रकारियों द्वारा पॉस्को एक्ट सहित अन्य एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है जो कि बेहद चिंताजनक हैं।
पिछले दिनों मेरी शिकायतों पर बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी में अवैधानिक रूप से पदस्थ व्यक्ति नरेंद्र त्रिपाठी की अवैध नियुक्ति को समाप्त किया गया। जिसके लिए मैने यूनिवर्सिटी से लेकर राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग, मुख्यमंत्री से लेकर कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी। इस दौरान मेरे ऊपर जानलेवा हमले भी नरेंद्र त्रिपाठी ने अपने गुर्गों के द्वारा कराए, मुझ पर झूठे मामले दर्ज कराने के लिए षडयंत्र रचा।
इसके साथ ही दुग्ध उत्पादों में मिलावटखोरी और पशु चर्बी सहित अन्य घातक रसायन मिलकर लोगों के स्वास्थ्य से, लोगों की धार्मिक भावनाओं, सामाजिक सेंटीमेंट्स से खिलवाड़ करने वाले जय गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालको किशन मोदी के विरुद्ध तमाम सबूत एकत्रित कर शासन प्रशासन को अवगत कराया था जिस पर ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने 29 जनवरी 2025 को छापा मारा, अनेक दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली, अभी विवेचना चल रही है और EOW ने FIR दर्ज की, छापे की कार्रवाई, अनेक दस्तावेजों को जब्त किया। इसके अलावा FSSAI सहित अन्य एजेंसियों ने भी संज्ञान लिया है। किशन मोदी भी एक षड्यंत्रकारी व्यक्ति है जिसने समय समय पर शासन प्रशासन के साथ छल किया है।
कानून का दुरुपयोग,बाल-महिला अधिकारों का दुरुपयोग रुकना चाहिए!
षड्यंत्रकारियों द्वारा देशभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं, ईमानदार, शरीफ लोगों के खिलाफ पास्को एक्ट, महिला कानून, सहित अन्य कानून का दुरुपयोग कर झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अब समय आ चुका है कि इन झूठे मामलों में फंसने से निर्दोष लोगों को बचाया जाए।
सिर्फ मै ही नहीं अपितु जनता और समाज के ये दुश्मन ये माफिया लोग, देशभर में जनता की आवाज उठाने वाले विभिन्न RTI कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, व्हिस्ल ब्लोवर कार्यकर्ताओं के विरुद्ध षडयंत्र रचकर प्रायोजित झूठे मामले उन्हें परेशान करने, उनका मनोबल तोड़ने, उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दर्ज करवाते हैं ताकि वो परेशान होकर सत्य के मार्ग से पीछे हट जाए। मेरे विरुद्ध उक्त घटना और FIR झूठी एवं प्रायोजित है। यह बेहद चिंताजनक एवं जांच का विषय है। इस प्रायोजित झूठे मामले के पीछे बहुत बड़ा षडयंत्र हैं एवं मेरी शिकायतों से प्रभावित ये लोग इस पूरे मामले में संलिप्त है। यह बहुत ही गंभीर मामला है इसलिए इस प्रकार के प्रायोजित व्यक्ति किसके कहने पर और किस-किस व्यक्ति ने इनको थाने में भेजा, कौन लोग इनके साथ में थे इसकी गहन जाँच होनी चाहिये।
सामाजिक कार्यकर्ता की शासन प्रशासन से अपील
शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों से आग्रह भी है कि इस पूरे षडयंत्र में उक्त झूठी FIR दर्ज कराने वाली लड़की, लड़की के उसके पिता और उक्त लड़की, लड़की के पिता को पुलिस थाना लाने वाले, भेजने वाले और इस पूरे षडयंत्र में संलिप्त सभी लोगों के इनके CDR रिकॉर्ड निकलाकर, मोबाइल का लोकेशन/काल डीटेल्स, संलिप्त सभी लोगों के सभी रास्तों, स्थानों के CCTV फूटेज सहित अन्य आवश्यक जानकारी निकाल कर एक एस.आई.टी.(S.I.T.) गठित कर निष्पक्ष जाँच करवाई जाना अत्यंत आवश्यक हैं जिससे कि पुलिस को इस झूठी FIR की जांच में आवश्यक सत्य जानकारी प्राप्त होगी, और मेरी बेगुनाही भी साबित होगी साथ ही यह झूठा षड्यंत्र और उक्त षडयंत्र को रचने वाले सभी षड्यंत्रकारी लोग बेनकाब होंगे। यह इसलिए भी आवश्यक है कि ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृति ना हो पाए और किसी की छवि खराब ना हो।