भगोड़े अमृतपाल सिंह को रविवार सुबह पंजाब पुलिस ने मोगा से अरेस्ट कर लिया। अमृतपाल को रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। वह यहां अपने समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। अमृतपाल को बठिंडा एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जाएगा। अमृतपाल पर NSA के तहत केस दर्ज है।
अमृतपाल पिछले 36 दिन से फरार था। उसने अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए 23 फरवरी को पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन अमृतपाल फरार हो गया।
अपडेट: पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही यह भी कहा है कि किसी तरह की फेक न्यूज शेयर न करें।
गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने कहा, “यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वे सब सभी ने देखा है। अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती, तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे। हम सहयोग करते। दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं। सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। एक महीने बाद फैसला किया, इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है।’
समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था अमृतपाल
अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। इसके लिए वह शनिवार रात को मोगा के गांव रोडे पहुंचा। यहां उसके करीबियों ने पंजाब पुलिस के अफसरों से संपर्क किया। इसके लिए रविवार यानी आज का दिन चुना गया था। अमृतपाल सरेंडर के वक्त शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था।
पंजाब पुलिस को आशंका थी कि भीड़ जमा होने पर किसी तरह का माहौल बिगड़ सकता है। इस वजह से अमृतसर के एसएसपी सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के IG रविवार सुबह ही गांव रोडे के गुरूद्वारे में पहुंच गए। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस ने सुबह ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।
20 अप्रैल को अमृतपाल की NRI पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था। वह लंदन जा रही थीं। श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर किरणदीप से 3 घंटे तक पूछताछ चली। इसके बाद किरणदीप को छोड़ दिया गया था।
तख्त पर सरेंडर से मना करने पर गांव रोडे को चुना
पुलिस सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन यानी 14 अप्रैल को सरेंडर करना चाहता था। उसकी शर्त थी कि वह बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब आकर सरेंडर करेगा। जैसे ही इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अमृतपाल को दमदमा साहिब पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी। जिसके बाद वह रोडे पहुंचा और यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
भिंडरांवाला के गांव से गिरफ्तार किया गया अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को पंजाब के जिस रोडे गांव से पकड़ा गया, यहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह ने वारिस पंजाब दे का मुखी बनने के लिए यहीं पर दस्तारबंदी समारोह किया था।साभार.भास्कर