भारत 1, चीन 2… अब और किस मामले में ड्रैगन छूटा हमसे पीछे? बदले पूरे समीकरण
भारत ने 2024 में सबसे ज्यादा सोने की खपत की। 563.4 टन गहनों की खपत के साथ भारत चीन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता बना
चीन को पछाड़ भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा बाजार.
* भारत में डायमंड मार्केट के लिए एक उत्साहित करने वाली और अच्छी खबर है।
* विश्व में चीन को भी पीछे छोड़कर भारत हीरे का दूसरा, सबसे बड़ा बाजार बन गया है। पहले यह स्थान चीन के पास था।
* भारत से सबसे अधिक हीरे अमेरिका में निर्यात किए जाते हैं।
* भारतीय डायमंड मार्केट में सालाना 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
भारत और चीन एशिया की सबसे बड़ी शक्तियां हैं। दोनों देशों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रहती है। कई पैरामीटर पर भारत चीन को पीछे छोड़ चुका है। इनमें इकनॉमिक ग्रोथ भी शामिल है। अब एक और मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा है।
■ भारत ने 2024 में 563.4 टन सोने के गहनों की खपत की। इससे वह चीन (511.4 टन) को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा सोने के जेवरातों का उपभोक्ता बन गया।
■ सोने की बढ़ती कीमतों और निवेश में तेजी के कारण भारत की कुल सोने की मांग 2023 के 761 टन से बढ़कर 2024 में 802.8 टन हो गई। यह 5% की सालाना बढ़ोतरी है।
■ निवेशकों ने बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के लिए सोने में निवेश किया। इससे निवेश मांग 2023 के 185 टन से बढ़कर 2024 में 240 टन हो गई। हालांकि, सोने का आयात 2023 के 744 टन से घटकर 2024 में 712.1 टन रह गया। इससे पता चलता है कि रिसाइकिल्ड सोने और घरेलू सप्लाई पर निर्भरता बढ़ी है।
■ 2024 में सोने की कीमतों में 28% की बढ़ोतरी हुई। 2025 में भी अब तक 11% की तेजी आ चुकी है। इस तेजी के चलते निवेशक आगे भी मुनाफे की उम्मीद में सोने में निवेश कर रहे हैं।
■ भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों की खरीद और नरम मौद्रिक नीति की उम्मीदों ने सोने को महंगाई और अस्थिरता का सामना करने में एक सुरक्षित निवेश बना दिया है।
■ अमेरिकी आयात पर चीन के जवाबी शुल्कों के कारण व्यापार युद्ध का तनाव बढ़ गया। इससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी और बुधवार को सोने की कीमतें सर्वकालिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। ट्रेड टेंशन और बाजार की अस्थिरता के बीच सोना व्यापारियों और विश्लेषकों के फोकस में है।
भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमर है। गहनों की मांग और निवेश में बढ़ोतरी ने कुल सोने की मांग को बढ़ावा दिया है। सोने की कीमतों में तेजी से निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। हालांकि, आयात में कमी घरेलू सप्लाई और रिसाइकिल्ड सोने के बढ़ते इस्तेमाल का संकेत देती है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोना सुरक्षित निवेश के रूप में उभरा है।