: जवाहर सरकार एवम दिग्विजय सिंह, विपक्षी राज्यसभा सांसद*
नई दिल्ली : नए संसद भवन पर इसके निर्माण से लेकर उद्घाटन समारोह के बहिष्कार करने तक विपक्ष द्वारा विरोध किया जाता रहा हैं, इसी कड़ी में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने आरोप लगाया है कि अफ्रीकी देश सोमालिया की पुरानी संसद से नई संसद को कॉपी किया गया हैं. वहीं, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसकी डिजाइन को कॉपी कैट कहा है.
प्राप्त जानकारी अनुसार जवाहर सरकार ने सोमवार (29 मई) को ट्वीट कर कहा हैं कि गुजरात से मोदी के पालतू आर्किटेक्ट ने सोमालिया की पुरानी संसद की नकल करने के लिए 230 करोड़ रुपये चार्ज किया है। जवाहर सरकार ने ट्वीट कर लिखा, “सोमालिया ने अपनी पुरानी संसद को खारिज कर दिया है, वह नए भारत की प्रेरणा है. गुजरात से मोदी के पालतू आर्किटेक्ट जो हमेशा प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मोदी के मेगा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करते हैं. (अहमदाबाद, वाराणसी, दिल्ली की संसद + सेंट्रल विस्टा में) ने हमसे सोमालिया के डिजाइन की नकल करने के लिए 230 करोड़ रुपये का शुल्क लिया.”
जवाहर सरकार के इसी ट्वीट को कोट करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जवाहर सरकार को फुल मार्क्स. क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि सोमालिया की रिजेक्ट की गई संसद बिल्डिंग हमारे पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा है. पीएमओ कृपया अपने कॉपी कैट आर्किटेक्ट से 230 करोड़ रुपये की वसूली करें. इस ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने जवाहर सरकार, पीएम मोदी, पीएमओ इंडिया, बीजेपी और कांग्रेस को मेंशन किया है.
विदित हो कि नई संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं. कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्तक्षर बन जाती है. 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ दिन है. देश आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है, इस अवसर पर देश को यह नया संसद भवन उपहार में मिला है. यह सिर्फ एक भवन नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिबिंब है.
ज्ञात हो कि त्रिभुजाकार आकार वाला नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में बना है. इस चार मंजिला इस इमारत में तीन मुख्य द्वार हैं जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है. नए संसद में वीआईपी के लिए अलग एंट्री दी गई है. वहीं सासंदों और विजिटर्स के लिए अलग प्रवेश द्वार होंगे. नई संसद को भव्य रूप देने के लिए नोएडा और राजस्थान के राजनगर से पत्थर की जाली मंगाई गई है. भवन के निर्माण के लिए फ्लाई ऐश की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं.
बता दें कि प्राचीन इतिहास के अनुसार, सोमालिया एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र था, और इसका स्थान पंट की प्राचीन भूमि के अनुरूप प्रस्तावित किया गया था, जो प्राचीन मिस्र, ग्रीक, रोमन, फारसी और प्राचीन भारत के राज्यों के साथ अपने व्यापार के लिए जाना जाता था.
यानि कि सोमालिया और भारत सरकार के बीच हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं. वर्तमान में बड़ी संख्या में सोमाली लोग चिकित्सा प्रयोजनों के लिए भारत आते हैं.
सोमालिया को अधिक जानें
सोमालिया, आधिकारिक तौर पर सोमालिया के संघीय गणराज्य के रूप में जाना जाता है, यह एक अफ्रीकी देश है जो अफ्रीका के पूर्वी भाग में स्थित है.
19 वीं शताब्दी में, ब्रिटेन और इटली ने क्रमशः 1884 और 1889 में हॉर्न ऑफ अफ्रीका में ब्रिटिश सोमालीलैंड और इतालवी सोमालीलैंड की कॉलोनियों की स्थापना की. 1 जुलाई, 1960 को, दो सोमाली भूमि एकजुट हुईं, और सोमालिया गणराज्य का गठन एक पूर्व इतालवी उपनिवेश और एक ब्रिटिश संरक्षक संघ द्वारा किया गया था.
सोमालिया देश लगभग 17.1 मिलियन की अनुमानित आबादी का घर है और बड़े पैमाने पर अफ्रीका के सबसे सांस्कृतिक रूप से सजातीय देश के रूप में वर्णित है, इसकी 85% जनसंख्या जातीय सोमालियों और 95% से अधिक मुसलमानों के साथ है. सोमालिया की आधिकारिक भाषाएँ सोमाली और अरबी हैं. सोमालिया के 2 मिलियन से अधिक निवासी देश की राजधानी और सबसे बड़े शहर मोगादिशु में रहते हैं, जो हिंद महासागर पर भूमध्य रेखा के ठीक उत्तर में स्थित है.
अफ्रीका के हॉर्न में अपने रणनीतिक स्थान के कारण, सोमालिया प्राचीन मिस्र, नूबिया, साहेल और माघरेब के बाद सबसे पहले शिकारी-संग्राहकों द्वारा बसने वाली पहली भूमि में से एक के रूप में दर्ज है. सोमालिया भूमध्य रेखा के दक्षिण से उत्तर की ओर अदन की खाड़ी तक फैला हुआ है. यह उप-सहारा अफ्रीका और अरब और दक्षिण-पश्चिमी एशिया के देशों के बीच एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति रखता है. यह देश अफ्रीका की मुख्य भूमि पर सबसे लंबी तटरेखा का भी दावा करता है और इसकी सीमा पश्चिम में इथियोपिया, उत्तर पश्चिम में जिबूती, हिंद महासागर से लगती है. पूर्व में, और केन्या दक्षिण पश्चिम में.
सोमालिया के बारे में सीखने के लिए कई दिलचस्प चीजें हैं : कभी न खत्म होने वाला सत्ता संघर्ष, औपनिवेशिक युद्ध, और हाल के गृहयुद्ध जिन्होंने इसके इतिहास को अलग थलग कर दिया.