अप्रैल से जून तक चलेगी लू; मौसम विभाग

 

मार्च में हुई बारिश के कारण गर्मी से राहत रही है, लेकिन आगे ऐसे हालात नहीं रहेंगे। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि अप्रैल से जून के दौरान उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्व भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक दिनों तक लू चलने के आसार हैं।

लू का यह दौर अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में देश के पूर्वी हिस्से से शुरू होगा और ज्यादातर हिस्सों में इसका प्रकोप जून आखिर तक देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्र ने शनिवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, अप्रैल-जून के तीन महीनों में उत्तर भारत में सर्वाधिक 15 दिन उष्ण लहर चलने की घटनाएं होती हैं। जबकि अन्य हिस्सों में यह 5-10 दिन तक रहती हैं। इस बार दिनों की यह संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिमी महाराष्ट्र, गुजरात के कई हिस्सों एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में उष्ण लहर यानी लू चलनी शुरू हो सकती है। हालांकि अप्रैल के पहले पखवाड़े तक इससे राहत बनी रहेगी।

सामान्य से अधिक रहेगा तापमान
महापात्र ने कहा, अप्रैल से जून के बीच देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों और दक्षिण प्रायद्वीपीय इलाकों में यह सामान्य या उससे नीचे बना रहा सकता है। जहां तक न्यूनतम तापमान की बात है तो यह उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर सामान्य से अधिक बना रहेगा। अप्रैल में भी तापमान ज्यादातर इलाकों में सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं।

मार्च में सामान्य से 26 फीसदी ज्यादा बारिश
महापात्र ने कहा, मार्च में सामान्य से 26 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। उत्तर पश्चिम में सामान्य से 14 फीसदी कम, पूर्वोत्तर में 12, मध्य में 206 और दक्षिण में 107 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। मार्च में भारी बारिश की रिकॉर्ड 100 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसका रिकॉर्ड इससे पहले नहीं मिलता है। उन्होंने पिछले छह सालों का ब्यौरा देते हुए कहा कि 2018 में 36, 2019 में छह, 2020 में 44, 2021 और 2022 में 13-13 ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं। भारी बारिश का तात्पर्य 64-115 मिमी बारिश की घटनाओं से है। मार्च में इस साल बहुत ज्यादा भारी बारिश की पांच घटनाएं दर्ज की गईं, जब बारिश 115 मिमी से 205 मिमी के बीच हुई। मार्च 2020 में ऐसी छह घटनाएं हुई थीं।

बोमौसम बारिश से 78 की मौत
मौसम विभाग के महानिदेशक ने कहा, मार्च में बिजली गिरने, भारी बारिश और ओलावृष्टि की घटनाओं में 78 लोगों के मरने और दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। मार्च के दौरान रिकॉर्ड सात पश्चिमी विक्षोभ दर्ज किए गए हैं, जिनमें से पांच पूरे उत्तर और मध्य भारत तक सक्रिय रहे।

अल नीनो : विभाग के मुताबिक, अभी प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के निकट तापमान सामान्य बना हुआ है। इसका मतलब यह है कि ला नीना प्रभाव खत्म हो रहा है लेकिन अभी अल नीनो विकसित नहीं हुए हैं। हालांकि, विभिन्न मॉडल जुलाई-सितंबर के बीच अल नीनो उत्पन्न होने के संकेत दे रहे हैं। अल नीनो भारतीय मानसून पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

बारिश की संभावना : अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिम, मध्य और दक्षिणी हिस्से में सामान्य से अधिक तथा पूर्व एवं पूर्वोत्तर में कम बारिश होने की संभावना है। अप्रैल में करीब 39.2 मिमी सामान्य बारिश होती है।

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