अपनी आयु को बढ़ाना चाहते हैं तो आयुर्वेद की तीन तिकड़ी को जानना जरुरी है

त्रयः उपस्तंभः
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तीन डंडो को आपस में एक दूसरे के सपोर्ट से खड़ा कर दीजिये । आसान है। पर इनमे से एक भी गिरा तो बाकि के दूसरे भी गिर जाएंगे ।

आपका स्वास्थ्य सही रहे इसके लिए आयुर्वेद में इसी तरह की एक तिकड़ी है उसके बारे में जान लीजिये ।

जीवन अगर स्वास्थ्य हो तो ही जीवन का आनंद है।जीवन को आप वर्ष में मापते हैं । पर उन्ही वर्षों को गिनियेगा जब आप पूर्ण स्वस्थ हैं । बीमार होकर जीना को आयुर्वेद में आयु माना ही नहीं गया है।

तो स्वास्थ्य रहना ही जीवन है बीमार होकर जीना आपकी आयु नहीं बढ़ाता है वर्ष या महीने या दिन की गिनती केवल बढ़ाता है ।
अपनी आयु को बढ़ाना चाहते हैं तो आयुर्वेद की तीन तिकड़ी को जानना जरुरी है जिसे आयुर्वेद ने त्रयः उपस्तंभः कहा है।

पहला स्तम्भ
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आहार
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खाना सही नहीं हो तो आपका जीवन का विकेट कभी भी गिर सकता है। भोजन का ज्ञान आपको होना ही चाहिए क्योंकि ये कितना जरुरी है सब जानते है ।इसको बताना केवल समय की बर्बादी होगी । तो स्वास्थ्य रहने के लिए आपको भोजन में ये फार्मूला इस्तेमाल करना है

हित भूक
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जो शारीर के लिए हितकारी हो फायदेमंद हो वही खाये। केवल स्वाद के लिए खाना खा रहे हैं तो आप अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं।

मितभुक्
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कम खाये । केवल खाना ही जरुरी नहीं है। उसे पचाना ज्यादा जरुरी है । ज्यादा खाना अच्छे स्वास्थ्य का गारंटी नहीं देता है । तो सुबह जितना खाना खा सकते है खाएं । दोपहर को सुबह से कम खाएं ।रात को नहीं खाएं बल्कि साम को ही खा लें ।वो भी थोडा सा ।खाने के बाद सोएं नहीं।

ऋत भूक
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मौसम के अनुसार खाएं। आजकल तकनीक का प्रयोग करके फल और सब्जी पुरे वर्ष उपलब्ध रहता है । पर जो फल या सब्जी अपने स्वाभाविक मौसम में मिलता है वो प्राकृतिक है और स्वास्थ्यकर है। ये सस्ता तो होगा ही इसमें पोषक तत्व भी भरपूर मिलेंगे ।

साथ ही तीन जहर भी हैं जिनको भोजन से दूर करिये
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मैदा _ये महीन होता है और आंतो में जाकर चिपक जाता है। इससे आप कितना भी अच्छे भोजन करें वो सरीर को नहीं मिलेगा ।मैदा के कारण पोषक तत्व खून में नहीं मिल पाते और बाहर निकल जाते हैं। कब्ज का बड़ा कारण मैदे की बनाई फ़ास्ट फ़ूड है। लड़कियों का मुछ निकलना और जरुरत से ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होना इसी मैदे के कारण है। ब्रेस्ट कैंसर इसी की देन है।

चीनी
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चीनी सरीर को एसिडिक बनाता है।सरीर में 40% एसिड और 60% बेस होना चाहिए। ये चीनी सरीर में इस संतुलन को बिगड़कर सरीर को एसिडिटी कम करता है। साथ ही इसकी सफाई SLS से होती है जो जानवर की हड्डी से बनता है।यही SLS से आपके सैंपू सर्फ़ साबुन में झाग आता है और आपके चीनी को भी सफ़ेद करने के काम आता है। ये जहर है। चीनी आपके सरीर में जाकर high bp मधुमेह लकवा गैस ब्लड एसिडिटी migrane और भी कई खतरनाक बीमारी पैदा करता है।

सफ़ेद नमक
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देश में निपुंसक लोगो की संख्या बढ़ी है तो इस नमक के कारण। अभी लोगो को पहली संतान तो होती है पर दूसरी संतान होने में दिक्कत होती है। तो इसी सफ़ेद नमक का प्रभाव है। bp को बढ़ाता है। और पोसक तत्व के नाम पर सोडियम क्लोरीन और iodin है जिस से सरीर को नुकसान ही हो रहा है। तो सेंधा नमक खाइये इसमें magnisium समेत 104 पोषक तत्व हैं ।

दूसरा स्तम्भ
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निंद्रा
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सूर्य जीवन का स्त्रोत है ।
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सूर्य के साथ साथ चलकर ही जीवन को स्वास्थ्य बनाया जा सकता है।
सूर्य के उगने के ठीक पहले उठ जाइये । जिसे ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। स्वस्थ रहने के लिए ये जरुरी है।क्यों?

सुबह में वात और कफ सरीर में एक साथ बढ़ जाता है ।इस समय मल सही तरीके से सरीर से बहार निकल जाता है। अगर आप इस समय नहीं उठे और फ्रेश नहीं हुए तो किसी दूसरे समय में आपको ज्यादा दिक्कत होगी ।ये कब्ज गैस अपच जैसी बीमारी को जन्म देगा। पेट की बीमारियां बढ़ जाएगी।
इस समय आप उठते हैं तो पित बढ़ने की सम्भावना कम होती है । अभी जितने भी योन रोग है उसमे अधिकतर इस पित की गड़बड़ी से ही उत्पन्न होते हैं । अगर आपको या आपके किसी मित्र को यौन समस्या है तो निश्चित ही देर से उठने के कारन है।तो इसका ध्यान तो रखना ही होगा।

अगर आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाते हैं तो आपको अपने पुरे दिन को प्लान करने का एक्स्ट्रा टाइम मिल जाता है ।ये बहुत जरुरी है । एलान लॉय मैग्निस् एक बड़े मनोवैज्ञानिक हैं और उनके अनुसार कोई भी महान विजेता या सफल व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर खुद से बात करता है और खुद को सलाह देता है ।ये उसकी सफलता को निश्चिन्त करता है।

सरीर को घडी नहीं सूर्य के अनुसार ही चलाइये।
early to bed early to raise
Makes a man healthy wealthy and wise

तीसरा स्तम्भ
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ब्रह्मचर्य
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सरीर में शक्ति का प्रवाह निचे से ऊपर की और होता है ।जीवन में प्रत्येक व्यक्ति ऊपर उठना चाहता है । अंधकार से प्रकाश की और जाना चाहता है । अंधकार निचे है और प्रकाश ऊपर है । अपनी रीढ़ की हड्डी को देखिये । सबसे निचे अंधकार है और सबसे ऊपर मष्तिस्क में प्रकाश है। इसी प्रकाश को ब्रह्म रंध्र भी कहते हैं । ज्ञान की ये सबसे ऊपरी सीढी है । इसी के करीब जाना ही ब्रह्मचर्य धारण करना है ।

अब निचे से ऊपर जाने के लिए प्रयाश करना पड़ता है गिरना तो आसान है। जब हम अमर्यादित सेक्स करते हैं तो ऊर्जा निचे की और आ जाती है । तो अगर मर्यादा में रहकर सेक्स एक्टिविटी करें तो ऊर्जा ऊपर की और जाएगी । जब आप की ये ऊर्जा सबसे ऊपरी शिखर पर पहुंचेगी तो आपको स्थायी आनंद मिलेगा । ।ये जीवन को सच में आनंदित और स्वस्थ रखेगी। सेक्स आनंद तो देता है पर ये कुछ समय के लिए ही है और स्थाई नहीं है । ब्रह्मचर्य स्थाई आनंद है । ये बात सभी पर लागु है गृहस्थ और सन्यासी सभी पर।

तो अगर आप आयुर्वेद के इन तीन स्तम्भ को समझें और इस के अनुसार जीवन जियें तो हमेसा स्वास्थ्य रहिएगा ।100 साल जीवन जी सकियेगा।

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