अधिकतर युवाओं को हो रहा कोरोना संक्रमण, सतर्क रहने की जरूरत: AIIMS निदेशक

 

 

दिल्ली में कोरोना (Corona in delhi) के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) का कहना है कि दिल्ली में कोरोना के जो मरीज मिल रहे हैं उनमें मुख्य रूप से अपेक्षाकृत मामूली लक्षणों वाले हैं। इनमें भी अधिकतर युवा आबादी में कोरोना के मामलू लक्षण मिल रहे हैं।

हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि सभी को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि संक्रमण बुजुर्गों में फैल सकता है और साथ ही गंभीर लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर स्वास्थ्य देखभाल के संसाधनों को लेकि दिल्ली में चिंता बढ़ सकती है।

हॉटस्पॉट जोन की रणनीति बेहतर
वहीं कुछ राज्य एक और लॉकडाउन लगाने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इस पर गुलेरिया ने कहा कि एक शहर के भीतर अधिक हॉटस्पॉट जोन होने संक्रमण के प्रसार को रोकना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है। डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि अब तक, अधिकांश रोगी जो आ रहे हैं, वे अपेक्षाकृत मामूली लक्षण वाले हैं, लेकिन वर्तमान में हम कम आयु वर्ग के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं और यह यह बुजुर्गों तक फैल जाएगा। जैसा कि महाराष्ट्र में देखा गया है।

गुलेरिया ने बताया कि महराष्ट्र में इसकी शुरुआत सैन्य मामलों से हुई थी और तब हमें मामलों की बढ़ती संख्या और अधिक गंभीर लक्षण मिले, जिससे अस्पतालों में संसाधनों की कमी हो गई और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हमें इस बारे में सतर्क रहने की जरूरत है।

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामले
बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को कोरोना के 992 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 2.70% हो गई। बीमारी से 4 मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले सोमवार को 1904 मामले सामने आए और छह लोगों की मौत हुई थी। 13 दिसंबर के बाद अब संक्रमण दर सबसे अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में 36 हजार 757 लोगों की जांच की गई। इसके साथ ही कोरोना रिकवरी दर घटकर 97 फीसदी हो गई है। सक्रिय मरीजों की संक्या बढ़कर 7 हजार 429 गई है। 3 महीने बाद यह सक्रिय मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है, जबकि एक महीना पहले यह संख्या 1000 पर आ गई थी।

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