सत्य कहने में संकोच न करें ।।

    हम भारत के लोग सत्य के उपासक हैं। हमारे लिए सत्य ही ईश्वर है। सत्य हमारे लिए नारायण हैं। इसलिए हम सत्य नारायण की पूजा करते हैं।   जीवन में सत्य कहने से संकोच मत करिए। किसी को प्रसन्न करने के लिए या फिर किसी की चाटुकारिता करने के लिए भी झूठ का…

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अपने आपको वर्तमान में स्थिर करके रखें।।

    जो बीत चुका हुआ, वह अतीत है और जो आने वाला है वह भविष्य हैं, किंतु यह दोनों ही हमारे हाथ में नहीं होते केवल कल्पनाओं में होते हैं। अतीत और भविष्य सिर्फ चिंतन में होते हैं, इनमें प्रवेश करके जीवन नहीं जिया जा सकता। अतीत हमें परेशान व प्रसन्न करता है। भविष्य…

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प्रयाग, जिसे प्रयागराज या  इलाहाबाद के नाम से भी जाना जाता है

|| प्रयाग महात्म्य || ********     हिंदू पौराणिक कथाओं और प्राचीन संस्कृत साहित्य में एक अत्यंत पूजनीय स्थान रखता है। पवित्र नदियों गंगा (गंगा), यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर स्थित,इसे अक्सर “तीर्थराज” यानी तीर्थ स्थलों का राजा कहा जाता है। प्रयाग का महत्व प्राचीन वेदों से लेकर पुराणों और महान महाकाव्यों तक…

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कुंभ 2025 ( प्रयागराज ) ।

_*।। कुंभ 2025 ( प्रयागराज ) ।।*_   प्रयागराज का यह कुंभ अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है अतः पुनः इसका आध्यात्मिक आधिभौतिक और आधिदैविक रूप देख लिया जाये ।   पौराणिक कथा से कुंभ और अमृत का पुनः स्मरण कर लिया जाये ।   ऋषि दुर्वासा के गले में एक माला था…

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क्यों नारद मुनि किसी स्थान पर 6 मिनट से ज्यादा नहीं टिकते हैं?

    भगवान विष्णु के परम भक्त माने जाने वाले नारद मुनि को लेकर कई बातें आपने सुनी होंगी, जैसे कि नारद मुनि ब्रह्मांड के पहले पत्रकार थे जो सबसे ज्यादा गति से बात सभी लोगों तक सही समय पर पहुंचाते थे या फिर नारद मुनि किसी भी एक स्थान पर ज्यादा समय के लिए…

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साधु सन्यासियो के अखाड़े

*साधु सन्यासियो के अखाड़े*   जो शास्त्र से नहीं माने, उन्हें शस्त्र से मनाया गया, वीरता से भरा है अखाड़ों का इतिहास, जानें इनका महत्व और उद्देश्य   अखाड़ों की शुरुआत आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। कुछ ग्रंथों के मुताबिक अलख शब्द से ही ‘अखाड़ा’ शब्द की उत्पत्ति हुई है। जबकि धर्म के कुछ…

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नर्मदा नदी *दर्शन मात्र* से ही मनुष्यों को पवित्र कर देती है

वायु देवता ने *भूतल, अन्तरिक्ष, द्युलोक* में साढ़े तीन करोड़ तीर्थ नर्मदा में विद्यमान होना बताया है। 👉 नर्मदा के *उत्तर तट* पर 11 और *दक्षिण तट* पर 23 तीर्थ हैं। नर्मदा और समुद्र के संगम को *35 वॉं* तीर्थ कहा गया है। 👉 ॐकार – तीर्थ के दोनों ओर अमरकण्टक पर्वत से दो कोस…

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बसंत पंचमी :ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मुख्य रूप से ये पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। वसंत पंचमी के दिन मां…

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। जीवन में जो ताज्य और जो अनावश्यक है उसका परित्याग करें ।।

    जिस प्रकार भोर की प्रथम सूर्य की किरणों के साथ कुछ पुराने फूल झड़ जाते हैं और नयें फूल खिल उठते हैं व प्रकृत्ति को सुवासित करते हैं, कुछ सूखे पत्ते पेड़ से जमीन पर गिर जाते हैं और नयीं कोंपलें फूट पड़ती हैं व प्रकृत्ति को श्रृंगारित करती हैं।   उसी प्रकार…

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सनातन धर्म ग्रन्थ जीवन जीने की पद्धति हैं।

  हमारे धर्मग्रंथ हमें जीने की कला सिखाते हैं और मुसीबतों के समय घबड़ा के भाग जाना या, परिस्थिति का रोना रोते हुए घर बैठ जाना अथवा आत्महत्या कर लेना कभी नहीं सिखाते। हमारे धर्म ग्रंथ हमें सिर्फ, धार्मिक ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि, हमें जीने की कला भी सिखाते हैं। और हमें मुसीबत…

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