जानिए क्या है 84 कोसी यात्रा और हर व्यक्ति को क्यों करनी चाहिए यह यात्रा?

  वेद-पुराणों में ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा का बहुत महत्व है, ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी शक्ति राधा रानी की लीला भूमि है। इस परिक्रमा के बारे में वारह पुराण में बताया गया है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं।…

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ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी में अंतर क्या है , जानें

ऋषि वैदिक परंपरा से लिया गया शब्द है जिसे श्रुति ग्रंथों को दर्शन करने वाले लोगों के लिए प्रयोग किया गया है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है वैसे व्यक्ति जो अपने विशिष्ट और विलक्षण एकाग्रता के बल पर वैदिक परंपरा का अध्ययन किये और विलक्षण शब्दों के दर्शन किये और उनके गूढ़ अर्थों…

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वैदिक संस्कृति के षोडश संस्कारों का परिचय

#षोडश_संस्कारों_का_परिचय 1. #गर्भाधान_संस्कार स्वस्थ सुसंस्कृत युवक एवं युवती जो आयु परिपुष्ट हों सुमन, सुचित्त होकर परिवार हेतु सन्तान प्राप्ति के उद्देश्य से इस संस्कार को करते हैं। वैदिक संस्कृति में गर्भाधान को श्रेष्ठ गुण, कर्म, स्वभाववाली आत्मा को बुलाने के लिए धार्मिक पवित्र यज्ञ माना गया है। जैसे अच्छे वृक्ष या खेती के लिए उत्तम…

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यहां स्थित है वह पवित्र भूमि जहाँ महा पुराण लिखे गये हैं,

    उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से सीतापुर 92 किमी की दुरी पर स्थित है, यहीं है वह ऋषि और पवित्र भूमि जहाँ महा पुराण लिखे गये हैं, नाम है ‘नैमिषारण्य’ तीरथ वर नैमिष विख्याता। अति पुनीत साधक सिधि दाता॥ “वाल्मीकि-रामायण में ‘नैमिष’ नाम से उल्लिखित इस स्थान के बारे में कहा गया है कि…

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दिवाली के दिन करें ये उपाय बरसेगी लक्ष्मी माँ की कृपा

    हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ने वाले इस पर्व को बेहद धूम धाम से मनाया जाता है। बता दें इस बार ये पर्व 24 अक्टूबर को पड़ रहा है। कहा जाता है इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि के…

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दीपावली पर धन प्राप्ति हेतु अचूक मंत्र

💥दीपावली पर धन प्राप्ति हेतु अचूक मंत्र – आदिकाल से लक्ष्मी उपासना समाज के सभी वर्गों के द्वारा होती आई है। अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों पदार्थ मनुष्य के ध्येय रहे हैं। इनमें अर्थ को प्रथम इसलिए रखा गया है कि इसके बगैर बाकी तीनों पदार्थ प्राप्त करना संभव नहीं है। 👉पहला मन्त्र – कमल…

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दतिया का पीताम्बरा पीठ जहाँ विराजमान हैं माँ धूमावती और वगुलामुखी

पीताम्बरा_पीठ_दतिया ओरछा से 48किलोमीटर दूरी पर स्थित है ये शक्ति पीठ पीताम्बरा पीठ की स्थापना एक सिद्ध संत, जिन्हें लोग ‘स्वामीजी महाराज’ कहकर पुकारते थे, ने 1935 में दतिया के राजा शत्रुजीत सिंह बुन्देला सहयोग से की थी। कभी इस स्थान पर श्मशान हुआ करता था। श्री स्वामी महाराज ने बचपन से ही सन्यास ग्रहण…

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सलकनपुर में स्थित 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान है माँ बिजासन देवी

भोपाल. MP के सीहोर जिले में है सलकनपुर नामक गांव। यहां स्थित 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान है बिजासन देवी। यह देवी मां दुर्गा का अवतार हैं। देवी मां का यह मंदिर MP की राजधानी भोपाल से 75 किमी दूर है। वहीं यह पहाड़ी मां नर्मदा से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर…

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राम के बाद क्या हुआ/ वंशावली , जानें 

    राम के बाद क्या हुआ/ वंशावली , जानें ***************************★********* लव और कुश *******************-** भरत के दो पुत्र थे- तार्क्ष और पुष्कर। लक्ष्मण के पुत्र- चित्रांगद और चन्द्रकेतु और शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु और शूरसेन थे। मथुरा का नाम पहले शूरसेन था। लव और कुश राम तथा सीता के जुड़वां बेटे थे। जब राम…

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नवरात्र चैत्र मास 2021 :जानें शुभमुहूर्त और घटस्थापना का विधि-विधान

    नई दिल्ली: हिंदुओं का एक  नवरात्र का पर्व। ये नौ दिवसीय पर्व है, जिसमें नौ रातों में तीन देवियों – मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां काली के नौ स्वरुपों की पूजा होती है। इस साल 2021 में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का आरंभ होगा। मां आदिशक्ति की…

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