दश महाविद्याओं का वैज्ञानिक और तांत्रिक विवेचन

दश महाविद्याओं का वैज्ञानिक और तांत्रिक विवेचन लेखिका: डॉ. शिवानी दुर्गा (Occultist and Researcher)   परिचय: दश महाविद्याएँ, हिन्दू तंत्र परंपरा की दस महाशक्तियाँ हैं, जो आदि शक्ति माँ पार्वती के दस रहस्यमय, प्रचंड और ज्ञानमय रूपों को दर्शाती हैं। ये प्रत्येक रूप, केवल आध्यात्मिक साधना का साधन नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के भिन्न-भिन्न कंपन…

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शुक्रवार, २८ मार्च २०२5:आज का राशिफल

*मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)* आज का दिन आपके लिए प्रभाव व प्रताप में वृद्धि लेकर आने वाला है। सामाजिक क्षेत्रों में आपकी काफी रुचि रहेगी। आपकी अपने किसी परिजन से खटपट होने की संभावना है। आप जीवनसाथी को कहीं शॉपिंग पर लेकर जा सकते हैं, जिसमें आप अपनी जेब…

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भारत के प्रसिद्ध –  16 हनुमान मंदिर.

    भारत देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित प्रसिद्ध 16 हनुमान मंदिरों की बारे में जानकारी, इनमें से हर मंदिर की अपनी एक विशेषता है, कोई मंदीर अपनी प्राचीनता की लिये विख्यात है, तो कोई मंदीर अपनी भव्यता के लिए। जबकि कई मंदिर अपनी अनोखी हनुमान मूर्त्तियों के लिए जैसे की प्रयागराज का हनुमान…

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मनुष्य जीवन का ध्येय विश्व का कल्याण ही होना चाहिए। यही सनातन विचारधारा भी है।

_   जब तक दूसरे सुखी नहीं होंगे हम सुखी नहीं हो सकते। इसलिए सब सुखी हों, सब स्वस्थ हों, सबका कल्याण हो। हमारे धर्म ग्रन्थों में कहां भी गया है – *सर्वे भवन्तु सुखिनः*   जीवन का ध्येय अनेक शब्दों में कहा जाता है। जैसे स्वतन्त्रता, मुक्ति, ईश्वरप्राप्ति, दुःखनाश, यश, वैभव, सुख आदि ।…

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भगवान की सच्ची पूजा ।

  इस संसार में अनेक प्रकार के पुण्य और परमार्थ हैं। दूसरों की सेवा-सहायता करना पुण्य कार्य है, इससे कीर्ति, आत्मसंतोष तथा सद्गति की प्राप्ति होती है। इन सबसे भी बढ़कर एक पुण्य-परमार्थ है और वह है-`आत्मनिर्माण’। अपने दुर्गुणों को, विचारों को, कुसंस्कारों को, ईर्ष्या, तृष्णा, क्रोध, द्रोह, चिंता, भय एवं वासनाओं को, विवेक की…

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मृत्यु से भय कैसा ?

    राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक (सर्प) के काटने से मृत्यु होने का एक दिन शेष रह गया, तब भी राजा परीक्षित का शोक और मृत्यु का भय दूर नहीं हुआ। अपने मरने की घड़ी निकट आता देखकर राजा का मन…

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होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है

होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है जो होली या होलिका नाम से मनाया जाता था, वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने के कारण इसे वसंतोत्सव भी कहा गया है, नारद पुराण औऱ भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथों में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है।   होली…

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_होलिका दहन के दिन क्या करें, जानें होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त,

▪️ *होलिका दहन को लेकर शहर से गांव से तक बनी है भ्रम की स्थिति_* आज होगा होलिका दहन, शहर के चौराहे, गली मोहल्ले में लकड़ियों से सजी होली 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा भ्रदा मुख का साया लेकिन अब पंडितों ने स्पष्ट रूप से सबकुछ बता दिया…

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अघोरियों की होली और अघोर का अर्थ

    मशान होली शिव की होली है। होली से पहले बनारस के श्मशान में ये खेली जाती है। ये अघोरियों की होली है जो बनारस में हो रही है। शिव नटराज है और प्रथम योगी भी और प्रथम अघोरी भी । अघोर होने का अर्थ है किसी भी वस्तु से ईर्ष्या न होना, किसी…

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क्यों नहीं खाते एकादशी को चावल ?

      यह सवाल अक्सर कई लोगों के मन में आता है कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाते? *आखिर एकादशी के दिन चावल खाना क्यों वर्जित है?*   धार्म‌िक दृष्ट‌ि से पुराणों में लिखा है कि एकादशी के दिन चावल खाने से अखाद्य पदार्थ अर्थात नहीं खाने योग्य पदार्थ खाने का फल…

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