चैत्र शुक्ल पक्ष में *कामदा* नाम की एकादशी होती है।

_*आज कामदा एकादशी हैं।*_       चैत्र शुक्ल पक्ष में *कामदा* नाम की एकादशी होती है। कहा गया है कि ‘कामदा एकादशी’ ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश करने वाली है। इसके पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। *व्रत कथा*   युधिष्ठिर ने पूछा: वासुदेव ! आपको…

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प्रभु श्री राम की गाथा हमें स्वार्थी नहीं परमार्थी बनाती हैं

  राम कथा मानवता का विद्यालय है। अपने लिये जीने की शिक्षा तो हमें किसी भी विद्यालय से प्राप्त हो जायेगी मगर दूसरों के लिये जीवन जीने की प्रेरणा हमें केवल और केवल यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथा ही सिखाती है।   श्रीराम वो उदार चरित्र हैं जिन्होंने अपने जीवन का एक भी दिन…

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कामदा एकादशी: हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। चैत्र माह में कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है

कामदा एकादशी आज   हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। चैत्र माह में कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि कामदा एकादशी पर व्रत रखने पर साधक को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इसीलिए मनोवांछित फल पाने के लिए कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है।…

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देवीय शक्ति से साक्षात्कार कराते मंत्र

  मंत्रों का प्रयोग मानव ने अपने कल्याण के साथ-साथ दैनिक जीवन की संपूर्ण समस्याओं के समाधान हेतु यथासमय किया है और उसमें सफलता भी पाई है, परंतु आज के भौतिकवादी युग में यह विधा मात्र कुछ ही व्यक्तियों के प्रयोग की वस्तु बनकर रह गई है। मंत्रों में छुपी अलौकिक शक्ति का प्रयोग कर…

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_महादेव ने सिंहचर्म का वस्त्र क्यों धारण किया ?

      भगवान शिव स्वयं परब्रह्म हैं। इसलिए वे अपने वास्तविक स्वरुप में यानी नग्न रहना पसंद करते हैं। लेकिन उन्होंने श्रीहरि की विनती स्वीकार करके बाघंबर या सिंहचर्म को वस्त्र के रुप में स्वीकार किया। ये कहानी भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से जुड़ी हुई है। प्रह्लाद की रक्षा के लिए श्रीहरि ने…

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हवन कुंड कितने प्रकार के होते हैं? कारण? वैज्ञानिक व तांत्रिक विश्लेषण

हवन कुंड कितने प्रकार के होते हैं? कारण? वैज्ञानिक व तांत्रिक विश्लेषण लेखिका: Sshivani Durga Occultist and Researcher   हवन कुंड के प्रकार:   हवन कुंड (अग्निकुंड) विभिन्न आकृतियों में बनाए जाते हैं, और प्रत्येक आकृति का विशेष उद्देश्य और ऊर्जा प्रभाव होता है। मुख्यतः हवन कुंड निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित होते हैं: 1. चतुरस…

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देवी प्रत्यंगिरा: अथर्वण काली व अघोर लक्ष्मी का तांत्रिक और वैज्ञानिक स्वरूप

देवी प्रत्यंगिरा: अथर्वण काली व अघोर लक्ष्मी का तांत्रिक और वैज्ञानिक स्वरूप   लेखिका: डॉ. शिवानी दुर्गा (Occultist & Researcher)   देवी प्रत्यंगिरा एक रहस्यमयी, उग्र और अपराजिता देवी हैं, जिन्हें अथर्वण काली और अघोर लक्ष्मी के रूप में भी जाना जाता है। वे तंत्र के उच्चतम स्तर की देवी मानी जाती हैं, जिनकी साधना…

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देवी की पूजा में ज्योति क्यों जगायी जाती है?

    बह् वृचोपनिषद् में कहा गया है *सृष्टि के आदि में एक देवी ही थी, उसने ही ब्रह्माण्ड उत्पन्न किया; उससे ही ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र उत्पन्न हुए । अन्य सब कुछ उससे ही उत्पन्न हुआ । वह ऐसी पराशक्ति (महाशक्ति) है ।*   सारा जगत अनादिकाल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शक्ति…

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हिंदू धर्म में गणगौर व्रत का विशेष महत्व

गणगौर पूजन आज ****** हिंदू धर्म में गणगौर व्रत को विशेष महत्व दिया जाता है। यह व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इसे भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित किया गया है। इसे तृतिया तीज के नाम से भी जाना जाता है। “गणगौर” नाम “गण” (भगवान…

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नवरात्र का दूसरा दिवस माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है

_*।। माँ ब्रह्मचारिणी ।।*_   नवरात्र का दूसरा दिवस माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। शक्ति ही जीवन और जगत का आधार है। शक्ति के बिना जीवन अधूरा और निष्प्राण हो जाता है। जीवनदायिनी शक्ति की पूजा का पर्व ही नवरात्र है। नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।   ब्रह्म…

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