जप के प्रकार और कौन से जप से क्या होता है जानिए

जप के प्रकार और कौन से जप से क्या होता है जानिए जप के अनेक प्रकार हैं। उन सबको समझ लें तो एक जपयोग में ही सब साधन आ जाते हैं। परमार्थ साधन के कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग और राजयोग ये चार बड़े विभाग हैं। जपयोग में इन चारों का अंतर्भाव हो जाता है। जप के…

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पंचांग की गणना के मुताबिक 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक खरमास रहेगा

  पंचांग की गणना के मुताबिक 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक खरमास रहेगा। सूर्य की धनु संक्रांति आरंभ होगी। यानि सूर्य का धनु राशि में प्रवेश करना। सूर्य का धनु राशि में परिभ्रमण एक माह रहता है। इसी एक माह में खरमास या मलमास की संज्ञा आती है। इस दौरान एक महीने विवाह और…

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श्रीमद्भगवद्गीता भगवान की दिव्यातिदिव्य वाणी है।

वेद, भगवान के नि:श्वास हैं और गीता भगवान की वाणी है | नि:श्वास तो स्वाभाविक होते हैं,पर गीता भगवान ने योग में स्थित होकर कही है | अत: वेदों की अपेक्षा भी गीता विशेष है। *न शक्यं तन्मया भूयस्तथा वक्तुमशेषत:| *परं हि ब्रह्म कथितं योगयुक्तेन तन्मया || ( महाभारत आश्व०१६/१२-१३ ) गीता उपनिषदों का सार…

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आखिर कैसे पड़ा बाबा का सियाराम नाम,कैसी रही दिनचर्या

    🔸संत सियाराम बाबा का प्रभु मिलन मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के महायोग में हुआ,यह संयोग बताता है आत्मा और महात्मा में अंतर ,,, 🔸खरगोन मप्र में संत सियाराम बाबा(95 वर्ष)ने बुधवार सुबह 6.10 मिनट पर अपनी देह त्याग दीपिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे ,इलाज के दौरान भी वे…

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सूर्य नारायण की पूजा से संसार का हर सुख प्राप्त होता है

सूर्य नारायण की पूजा से संसार का हर सुख प्राप्त होता है। पंच प्रमुख महाशक्तियों में भगवान सूर्य नारायण का महत्वपूर्ण स्थान है उनके बिना इस संसार में जीवन ही नहीं। सूर्य और अग्नि देव प्रत्यक्ष देवता हैं। बड़े से बडा पितृ दोष , बड़े से बड़ा श्राप, कुंडली से दुर्योग भगवान सूर्य के 1008…

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प्रभु श्री राम की गाथा हमें स्वार्थी नहीं परमार्थी बनाती हैं

  राम कथा मानवता का विद्यालय है। अपने लिये जीने की शिक्षा तो हमें किसी भी विद्यालय से प्राप्त हो जायेगी मगर दूसरों के लिये जीवन जीने की प्रेरणा हमें केवल और केवल यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथा ही सिखाती है। श्रीराम वो उदार चरित्र हैं जिन्होंने अपने जीवन का एक भी दिन अपने…

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अवांछित लोगों को मंदिरों में प्रवेश क्यों नहीं करने देना चाहिए?

——– यदि तुम किसी हिंदू मंदिर में गए हो तो वहां तुमने गर्भ—गृह का नाम सुना होगा। मंदिर के अंतरस्थ भाग को गर्भ कहते हैं। शायद तुमने ध्यान न दिया हो कि उसे गर्भ क्यों कहते हैं। अगर तुम मंदिर की ध्वनि का उच्चार करोगे—हरेक मंदिर की अपनी ध्वनि है, अपना मंत्र है, अपना इष्ट—देवता…

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5 पवित्र कन्याओं का रहस्य

*#पंचकन्या_महारत्ने महापातक_नाशनम् *   #_5_पवित्र_कन्याओं_का_रहस्य   पुराणानुसार पांच स्त्रियां विवाहिता होने पर भी कन्याओं के समान ही पवित्र मानी गई है। अहिल्या, द्रौपदी, कुन्ती, तारा और मंदोदरी।   एक प्राचीन प्रसिद्ध संस्कृत श्लोक है, इस श्लोक का प्रात: पाठ करने से जन्म जन्म के सारे पाप धुल जाते हैं।   *अहिल्या द्रोपदी कुन्ती तारा मन्दोदरी…

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माँ सिध्दिदात्री:नवरात्र का नवम दिवस माता का नौवां स्वरूप

माँ दुर्गाजी की नवीं शक्ति का नाम सिध्दिदात्री है | ये सभी प्रकार की सिध्दियों को देने वाली है | मार्कन्डेयपुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिध्दियाँ होती हैं | ब्रह्मवैवर्तपुराण के श्रीकृष्ण – जन्मखण्ड में यह संख्या अट्ठारह बतायी गयी हैं | इनके नाम इस…

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नवरात्र का षष्ठम दिवस माता का छठा स्वरूप – माँ कात्यायनी

  माँ दुर्गाजी के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी है | इनका कात्यायनी नाम पड़ने की कथा इस प्रकार है – कत नामक एक प्रसिध्द महर्षि थे | उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए | इन्ही कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिध्द महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे | इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों…

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