माँ सिध्दिदात्री:नवरात्र का नवम दिवस माता का नौवां स्वरूप

माँ दुर्गाजी की नवीं शक्ति का नाम सिध्दिदात्री है | ये सभी प्रकार की सिध्दियों को देने वाली है | मार्कन्डेयपुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिध्दियाँ होती हैं | ब्रह्मवैवर्तपुराण के श्रीकृष्ण – जन्मखण्ड में यह संख्या अट्ठारह बतायी गयी हैं | इनके नाम इस…

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नवरात्र का षष्ठम दिवस माता का छठा स्वरूप – माँ कात्यायनी

  माँ दुर्गाजी के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी है | इनका कात्यायनी नाम पड़ने की कथा इस प्रकार है – कत नामक एक प्रसिध्द महर्षि थे | उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए | इन्ही कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिध्द महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे | इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों…

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कास का फूलना वर्षा ऋतु की बुढ़ौती का संकेत है।

  ( कांस के फूल उस संधि-सेतु का निर्माण करते हैं जिस पर से होकर एक साथ बरसात विदा होती है और शरद ऋतु का आगमन होता है। ) श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी जी ने ऋतु वर्णन में कास के फूल का बड़ा उत्तम वर्णन किया है। *बरषा बिगत सरद रितु आई।* *लछमन देखहु परम सुहाई॥*…

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शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया,

Sharad Purnima 2023: पंचांग के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि वर्ष 2023 में 28 अक्टूबर, 2023 शनिवार के दिन 9 साल के बाद यह पर्व चंद्रग्रहण के साए में मनाया जाएगा। इस वजह से पूर्णिमा की चमक थोड़ी फीकी पड़ जाएगी। वैसे तो…

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इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानिए किस बात का है संकेत?

  साल में 4 बार नवरात्रि पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. आश्विन की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के वातावरण से तमस का अंत होता है, नकारात्मक माहौल की समाप्ति होती है. शारदीय नवरात्रि से मन में उमंग तथा उल्लास की वृद्धि होती है. दुनिया में सारी…

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15 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग, नवरात्रि में इन राशियों पर रहेगी मां दुर्गा की असीम कृपा

   15 अक्टूबर को गुरु-पुष्य योग का शुभ आगमन होता है. 27 नक्षत्रों में से, पुष्य नक्षत्र को सबसे अधिक सम्मान प्राप्त है, जिसे अक्सर सभी नक्षत्रों का “राजा” कहा जाता है.गुरु-पुष्य योग तब होता है जब बृहस्पति (गुरु) ग्रह पुष्य नक्षत्र से होकर गुजरता है, जिसे वैदिक ज्योतिष में सबसे शुभ नक्षत्रों में से…

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पितृ कौन होते हैं, कितनी पीढ़ी तक होता है मान और क्यों जरूरी है पितृ विसर्जन?

पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को पिंडदान कर रहे हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में बिहार के गया में वंश के द्वारा अपने पितर के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करने से वे प्रसन्न होते और आशीर्वाद देते हैं. वहीं जो गया नहीं जा पाते वे पितरों की मुक्ति के लिए घर पर…

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रक्षाबंधन कब 30 या 31 अगस्त, जानें राखी बांधने की सही तिथि और सही समय

  हर साल की तरह इस साल भी रक्षा बंधन की डेट को लेकर लोगों के बीच बहुत मतभेद है, इस साल अधिकमास की वजह से सभी त्योहार देर से पड़ेंगे. वहीं रक्षाबंधन की बात करें तो रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. लेकिन इस साल पूर्णिमा तिथि दो…

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गरुड़ पुराण:इन लोगों के घर भूलकर भी न करें भोजन

इन लोगों के घर भूलकर भी न करें भोजन, वरना कष्टों से घिर जाएगा जीवन  अक्सर देखा जाता है कि हम अपने करीबी लोगों और रिश्तेदारों को अपने घर खाने पर बुलाते हैं। हिंदू धर्म में अतिथि को आमंत्रित कर उनका आदर-सत्कार करना जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। धर्म-शास्त्रों में भोजन को…

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राखी के दिन भद्रा का साया, 30 अगस्‍त को रात 9 बजे बाद मनेगा पर्व

रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएगी उसके बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाना शास्त्रोक्त रहेगा।   पंचांग की गणना के अनुसार द्वितीय शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर 30 अगस्त बुधवार के दिन रक्षाबंधन का महापर्व मनाया जाएगा। हालांकि इस दिन सुबह 10 बजे से रात 9 बजकर 7 मिनट…

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