मनुष्य के बार बार जन्म-मरण का क्या कारण है ?

मनुष्य के बार बार जन्म-मरण का क्या कारण है ?   एक बार द्वारकानाथ श्रीकृष्ण अपने महल में दातुन कर रहे थे। रुक्मिणी जी स्वयं अपने हाथों में जल लिए उनकी सेवा में खड़ी थीं। अचानक द्वारकानाथ हंसने लगे। रुक्मिणी जी ने सोचा कि शायद मेरी सेवा में कोई गलती हो गई है; इसलिए द्वारकानाथ…

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शंख और तुलसी से ऐसे करें भगवान कृष्ण की पूजा, शास्त्रों में बताया है महत्व

शंख और तुलसी से ऐसे करें भगवान कृष्ण की पूजा, शास्त्रों में बताया है महत्व   भगवान कृष्ण विष्णु जी के अवतार है। इनकी पूजा में शंख और तुलसी दल, तुलसी की मंजरी मुख्य होते हैं। ऐसा कहाजाता है कि आप हजार मिष्ठान बना लो, लेकिन अगर इनमें तुलसी दल नहीं हैं, तो इनका भगवान…

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कारागार में जन्म से लेकर द्वारिकाधीश तक की यात्रा है – योगेश्वर श्रीकृष्ण की कहानी 

  मनोज_जोशी:   भगवान श्रीकृष्ण का आज जन्मोत्सव है। ज्योतिषीय गणना बताती है कि श्रीकृष्ण का जन्म आज से 5137 वर्ष पहले हुआ। वे 119 वर्ष तक इस पृथ्वी पर रहे। महाभारत युद्ध के समय उनकी उम्र 55-56 वर्ष थी। श्रीकृष्ण की जीवन यात्रा पर हुए शोध के साथ ही हम चर्चा करेंगे कि कैसे…

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चार उपलब्धियों के चार प्रकार ।

    आरोग्य, धन, ज्ञान और मोक्ष इन चार चीजों को पाने के लिए चार प्रकार के प्रयत्न करने पड़ते हैं। इनको देने वाले देवता अलग अलग हैं। आरोग्य अर्थात् बीमारी रहित जीवन की आकांक्षा से भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए। ( सूर्य भगवान की बचपन से आराधना हो तो बीमारी ही न हो।…

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सूर्यपुत्र कर्ण का जीवन इतना त्रासदी युक्त क्यों रहा?

  एक असुर था – दम्बोद्भव । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा तो उसने “अमरत्व” का वरदान माँगा । सूर्यदेव ने कहा यह संभव नहीं है। तब उसने माँगा कि उसे एक हज़ार दिव्य कवचों की सुरक्षा मिले। इनमे से…

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इंद्र की पत्नी पर किसने डाली बुरी नजर?

  जब इंद्र पर ब्रह्मह्त्या का दोष लगा तो उसे स्वर्ग के सिंघासन का त्याग करना पडा. देवराज इंद्र के बाद नहुष राजा बना. नहुष देवी अशोक सुंदरी का पति और देवी पार्वती एवं शिव का दामाद था. नहुष धर्मात्मा थे, पर राजसीवृत्ति और स्वर्ग के सुखा का उपभोग करते हुए वे इंद्र की पत्नी…

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महादेव की अष्ट मूर्तियों के रहस्य….!!

      🔸शिवजी की अष्टमूर्तियों के नाम क्या हैं ? 🔸मनुष्य के शरीर में अष्टमूर्तियाँ कहाँ कहाँ हैं ? 🔸अष्ट मूर्तियों के तीर्थ कहाँ – कहाँ हैं ?   अष्टमूर्तियों के नाम : भगवान शिव के विश्वात्मक रूप ने ही चराचर जगत को धारण किया है। यही अष्टमूर्तियाँ क्रमश: पृथ्वी, जल, अग्नि,वायु,आकाश, जीवात्मा सूर्य…

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गजानन एकदन्ती होने के पीछे अभूतपूर्व रहस्य-

  कार्तवीर्य को परशुराम जी वध करने के बाद उसके सौ पुत्र मिलकर परशुराम को मारने के लिए मैदान में उतर गए थे। परिणाम स्वरूप परशुराम का दिव्य फरसे से उनसे 95 पुत्र तो पल भर में मारे गए और शेष पांचों भयभीत होकर वंहा से भाग गए थे।।   इसी कांड के बाद परशुराम…

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सावन सोमवार व्रत की सरल पूजा विधि जाने?

  आप इसे घर पर पूरी श्रद्धा से कर सकते हैं। आपको सरल पूजा विधि और पूजा की सामग्री दोनों विस्तार से बता रहा हूं, *पूजा का समय: प्रातः स्नान के बाद सूर्योदय से पूर्व या सुबह 6-9 बजे के बीच शुभ होता है। गोधूलि पर भी पूजा की जाती है पूजा का मुहूर्त जरूर…

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सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान योग में सावन माह की होगी शुरुआत

सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान योग में सावन माह की होगी शुरुआत   इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान योग में सावन माह की शुरुआत होगी। जबकि पहले सोमवार पर प्रीति योग बन रहा है। महादेव को प्रिय माह सावन में सोमवारी व्रत का विशेष महत्व है। शिव पूजनोत्सव के क्रम में भगवान शिव पर श्रद्धालु…

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