भारतीय संस्कृति में रंगो का विशेष महत्व है। यहां तक कि भारतीय शास्त्रों में हर दिन के लिए एक खास रंग बताया गया है। बात अगर होली की करें तो रंगो के बिना कैसी होली! खाने की चीजों में मिलावट के साथ-साथ होली के रंगों में भी मिलावट का चलन है। जिसका बहुत बुरा असर लोगों की स्किन और सेहत पर पड़ता है। ऐसे में लोग ऑरगेनिक रंगों के साथ होली खेलना पसंद करते हैं। मगर कहीं न कहीं कुछ लोगों ने ऑरगेनिक होली कलर्स के नाम पर भी धोखा धड़ी करनी शुरु कर दी है। ऑरगेनिक रंग नार्मल होली के रंगों से महंगे होते हैं, ऐसे में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में लोगों तक सही ऑरगेनिक रंग नहीं पहुंच पा रहे। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि जब आप होली के लिए ऑरगेनिक रंग खरीदने के लिए घर से निकलें, तो आपको किन-किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए…
नेचुरल चीजों की लिस्ट
सबसे पहले रंग वाला पैकेट खरीदने पर उसमें मौजूद सामग्री पर एक नजर जरुर डालें। ऑरगेनिक रंगों में हल्की, बेसन और आटे का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखें।
लाइट शेड्स
कैमिकल युक्त रंगों का कलर काफी भड़कीला होता है, वहीं कुदरती रुप से तैयार होली के रंग थोड़े दिखने में हल्के होते हैं। दुकान पर पड़े कैमिकल युक्त रंग और ऑरगेनिक रंगो को एक साथ पकड़कर जांच जरुर कर लें।
स्किन टेस्ट
ऑरगेनिक रंग खरीदने से पहलें एक स्किन टेस्ट जरुर लें। थोड़ा सा रंग लेकर अपनी बाजू पर लगाएं और पानी के साथ इसे धो लें। पहली बार पानी से धोने पर अगर रंग हल्का हो जाए तो समझ जाएं रंग शुद्ध है। इसमें कोई मिलावट नहीं है।
एक्सपाइरी डेट
ऑरगेनिक होली कलर्स की एक्सपायरी डेट 6 महीने तक की होती है। मगर वहीं कैमिकल युक्त रंगो के पैकट पर एक्सपायरी डेट 2 साल तक की लिखी होती है।
लैब टेस्ट नंबर
हर ऑरगेनिक कलर लैब से टैस्ट होकर आता है, ऐसे में आप पैकेट पर लिखे लैब के नंबर पर फोन करके एक बार अपनी तसल्ली भी कर सकते हैं