गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा

#गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है।   कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।   #इसका…

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मुलेठी : एक गुणकारी जड़ी बूटी है

#मुलेठी   एक गुणकारी जड़ी बूटी है। आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गले की खराश में इसका उपयोग करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। हालांकि मुलेठी के फायदे (mulethi ke fayde) सिर्फ इतने ही नहीं हैं बल्कि इसका मुख्य इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया…

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लाला लाजपतराय का जन्म  :स्वत्व स्वाभिमान और राष्ट्र केलिये जीवन समर्पित 

28 जनवरी 1865 लाला लाजपतराय का जन्म *स्वत्व स्वाभिमान और राष्ट्र केलिये जीवन समर्पित *क्राँतिकारियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार की       स्वाधीनता का संघर्ष केवल राजनैतिक या सत्ता केलिये ही नहीं होता । वह स्वत्व, स्वाभिमान, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक अस्मिता के लिये भी होता है । इस सिद्धांत के लिये…

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लाला.लाजपतराय :पंजाब केसरी

* *‘‘यदि तुमने सचमुच वीरता का बाना पहन लिया है,तो तुम्हें सब प्रकार की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए।क्या यह शर्म की बात नहीं कि कांग्रेस के 21 साल के कार्यकाल में एक भी ऐसा राजनीतिक संन्यासी पैदा नहीं कर सकी,जो देश के उद्धार के लिए सिर और धड़ की बाजी लगा दे.* *…

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एक अलौकिक संत -देवरहा_बाबा

#एक_अलौकिक_संत…… #देवरहा_बाबा का जन्म अज्ञात है। यहाँ तक कि उनकी सही उम्र का आकलन भी नहीं है। वह यूपी के “नाथ” नदौली ग्राम,लार रोड, देवरिया जिले के रहने वाले थे। मंगलवार, 19 जून सन् 1990 को योगिनी एकादशी के दिन अपना प्राण त्यागने वाले इस बाबा के जन्म के बारे में संशय है। कहा जाता…

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प्रयागराज एवं महाकुंभ ।।     ( भाग – 2 )

    कुंभ शब्द की व्याप्ति शाब्दिक दृष्टि से कुंभ शब्द की व्युत्पत्ति इस प्रकार की जाती है –   *कुं पृथ्वीं भावयति पोषयति विविधयागानुष्ठानैरिति कुम्भ:।*   कुंभ वह महापर्व है, जिसमें विविध यज्ञों के अनुष्ठान से पृथ्वी का पोषण होता है।   *कुम् कुत्सितम् उम्भति दूरयति लोकहिताय।* कुंभ पर्व लोक-कल्याण के लिए अपनी पावनता…

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महाकुंभ में सैकड़ों महिला-पुरुष साधुओं ने किया खुद का पिंडदान,

*महाकुंभ में सैकड़ों महिला-पुरुष साधुओं ने किया खुद का पिंडदान,ऐसे होता है नागाओं का विजया संस्कार*   प्रयागराज।महाकुंभ में पुरुष नागाओं के साथ महिला साध्वियों का भी विजया संस्कार करा कर उनको संन्यासी जीवन की दीक्षा दी गई।रविवार को जूना अखाड़े में सौ से भी ज्यादा महिलाओं ने विजया संस्कार में हिस्सा लेकर पूरे विधि…

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प्रयागराज एवं कुंभ मेला

  ( भाग – 1 )   प्रयाग में युक्त उपसर्ग प्र का तात्पर्य प्रकृष्ट तथा याग का अर्थ यज्ञ है। वह विशिष्ट स्थल जहां विशेष प्रकार के यज्ञों को संपन्न किए जाने की कीर्ति चारों दिशाओं में व्याप्त हो, वह प्रयाग है। सनातनियों ( हिंदुओं ) का यह विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। जब भारत…

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नागा साधुओं के वह अनसुने रहस्य जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे आप 

नागा साधुओं के वह अनसुने रहस्य जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे आप   महाकुंभ में लाखों की संख्या में नागा साधु आते हैं जो लोगों में आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं नागा साधुओं की दुनिया रहस्यमई मानी जाती है जाने नागा साधुओं की ऐसी रहस्यमई बातें   सामान्य व्यक्ति आमतौर पर अवधूत की धुन में…

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है यह भक्ति की अंध भक्ति है ?

है यह भक्ति की अंध भक्ति है.   बिना मेहनत और ईमानदारी के लोग सब कुछ पाना चाह रहें हैं और ढोंगीं पाखंडी बाबाओं के जाल में फंस रहें हैं । किसी को फ्री में नौकरी चाहिए तो किसी को छोकरी । किसी को बिन काम किए मिल जाए नोटों की टोकरी। गांवों में तो…

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