प्रेम की पूर्णता वियोग में ही है।
_ और अचानक एक दिन कन्हैया ने चिढ़ कर कहा, “यूँ बार बार मइया से शिकायत करोगी तो सबको छोड़ कर चला जाऊंगा। फिर रोते रहना कन्हैया कन्हैया कर के… फिर न आऊंगा कभी। प्रेम में डूबे लोग प्रिय से वियोग की कल्पना भी करना नहीं चाहते। वियोग के दिन सामने आ जाँय…