अपना एमपी गज्ज़ब है, यहां नेताओं को बुढ़ापे में भी “दहेज” मिलता है…

  हिंदुस्तान में “दहेज” का रिवाज बहुत पुराना है।अब तो हर धर्म और जाति के लोग इस रिवाज को मानने लगे हैं। आमतौर पर दहेज शादी के समय दिया जाता है।लेकिन अपने एमपी में बुढ़ापे की दहलीज पर खड़े एक नेता जी को मिला दहेज इन दिनों खासा चर्चा में है।”दहेज” भी छोटा मोटा नही…

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बूढ़े बैल के भरोसे बंजर खेती साधने की जुगत.

  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 12 दिन मध्यप्रदेश में रहकर गुजर गई।यात्रा के दौरान उड़ा गर्दो गुबार अब वापस जमीन पर जम गया है।इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस को एक बार संजीवनी देने की कोशिश शुरू हो गई है।खबर आई है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन होगा।संगठन…

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क्या वाकई बढ़ते चुनाव खर्च ने राजनीति को भ्रष्टाचार का पर्याय बना दिया है?

  कह तो सही रहे हैं.. क्या वाकई बढ़ते चुनाव खर्च ने राजनीति को भ्रष्टाचार का पर्याय बना दिया है? और भी कारण कारण हो सकते हैं, परंतु अब तो आरएसएस यानी संघ भी कह रहा है कि हमारी नौकरशाही भ्रष्टाचार के नित नए आयाम खड़े कर रही है। क्या पटवारी, क्या बाबू, क्या अफ़सर,…

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व्यापारी समूह को दिखानी होगी एकजुटता, तभी टैक्स विभागों की प्रताड़ना से बच पाएंगे

  हाल में ही यूपी व्यापारी वर्ग ने अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए जीएसटी विभाग की छापेमारी पर रोक लगा दी है. यूपी सरकार ने अगले 72 घंटे तक के लिए जीएसटी विभाग की छापेमारी को रोकने का आदेश दिया है. इस छापेमारी को लेकर पूरे प्रदेश भर में आक्रोश था और हर जिले…

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एमपी में “गुजरात मॉडल” की मांग उठी…

  गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का रिकॉर्ड बनने के साथ ही एक बार गुजरात मॉडल चर्चा में आ गया है।हालांकि अभी तक गुजरात में मुख्यमंत्री ने शपथ नही ली है लेकिन गुजरात मॉडल की मांग अन्य राज्यों से उठना शुरू हो गई है।मजे की बात यह है सबसे पहले एमपी से यह…

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चुनाव लड़ना सीखना हो तो….

    भाजपा लड़ना जानती है और हार से मुंह फेरने की बजाय उसके भीतर जाकर गलतियों को सुधारने का भी उसका तगड़ा अभ्यास है। यह उसके धैर्य और कमजोरियों को समझने का ही परिणाम है कि किसी समय संसद में मात्र दो सीटों वाले इस दल ने बीते दो आम चुनावों में बेहद ख़ास…

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हाय राम…… ये राहुल गांधी…..

  राहुल गांधी की सतही बुद्धि का शायद यह विस्तार भी हो जाए कि वन में राम जी की बाट जोहती शबरी भी वस्तुत: लिंग-भेद वाली मानसिकता की ही शिकार थी। गनीमत है कि श्री लक्ष्मणाचार्य जी अब इस दुनिया में नहीं हैं, वरना राहुल उनसे भी सवाल पूछ लेते कि ‘रघुपति राघव राजा राम’…

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किस काम की ऐसी ‘शाही’ अफसरशाही

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिवराज की ही मौजूदगी में मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस के नेतृत्व वाली ब्यूरोक्रेसी की भद पीट दी। अफसरों की फौज ‘मातु भिक्षाम देहि’ वाली मुद्रा में सीतारमण से विभिन्न कामों के लिए फंड की गुहार लगा रही थी। जवाब में केंद्रीय मंत्री ने अफसरों को जो फंडे दिए, उससे सभी…

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जानिए क्या है 84 कोसी यात्रा और हर व्यक्ति को क्यों करनी चाहिए यह यात्रा?

  वेद-पुराणों में ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा का बहुत महत्व है, ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी शक्ति राधा रानी की लीला भूमि है। इस परिक्रमा के बारे में वारह पुराण में बताया गया है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं।…

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बैंकों के हालात – हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और

:*   सरकार बैंको के हालात अच्छे बताते हुए कहा जा रहा है कि काफी सुधार हुआ है. खराब खातों में काफी कमी आई है. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के अच्छे प्रदर्शन का हवाला देते हुए बताया था कि इनके नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (NPA) में कमी देखी जा रही…

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