मन की प्यास कभी बुझती क्यों नहीं ?
मन का स्वभाव ही ऐसा होता है कि वह बाहर ही हर चीज खोजता है। तृषित रहना मन का स्वभाव है। वह कभी तृप्त न होगा। परमात्मा ने इंद्रियों को इसी तरह बनाया है कि वह बाहर ही झांकती हैं – आंख, कान, नाक जिह्वा, त्वचा, इन सब के रस के विषय वस्तु…