आप इसे घर पर पूरी श्रद्धा से कर सकते हैं। आपको सरल पूजा विधि और पूजा की सामग्री दोनों विस्तार से बता रहा हूं,
*पूजा का समय:
प्रातः स्नान के बाद सूर्योदय से पूर्व या सुबह 6-9 बजे के बीच शुभ होता है। गोधूलि पर भी पूजा की जाती है पूजा का मुहूर्त जरूर देख लीजिएगा
पूजा की सामग्री:
1. शिवलिंग या शिवजी की मूर्ति/फोटो, गणेश भगवान की फोटो
2. गंगाजल मिला पानी
3. कच्चा दूध
4. दही
5. घी
6. शहद
7. शक्कर या गुड़
8. बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)
9. धतूरा (हो सके तो)
10. भस्म या सफेद चंदन
11. सफेद फूल (कनेर, कमल, आदि)
12. भोग (फल, मिठाई, खासकर साबूदाने की खीर या फलाहार)
13. दीया, कपूर, अगरबत्ती
14. रुद्राक्ष की माला (यदि हो)
15. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर मिलाकर)
पूजा विधि
1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर पूजा स्थान पर बैठकर गणेश भगवान से प्राथना करें कि आपकी पूजा सफल हो कोई विघ्न न आए
2. घर के मंदिर या साफ स्थान पर चौकी रखें उस पर सफेद फूलों का आसान बना कर शिवलिंग/शिवजी की फोटो रखें।, गणेश भगवान के साथ पूरे शिव परिवार की फोटो हो तो ज्यादा अच्छा होगा
3. सभी पूजा सामग्री पास में रखें।
अभिषेक करें (जल चढ़ाना):
1. सबसे पहले गंगाजल वाले पानी से शिवलिंग को स्नान कराएं।
2. फिर एक-एक करके दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से अभिषेक करें (यह पंचामृत कहलाता है)।
3. अंत में फिर से गंगाजल या स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
अर्पण करें:*
1.सफेद चंदन से तिलक करें, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं ,(ध्यान रहे कि बेलपत्र उल्टा न हो)।
2. सफेद फूल, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें।
3. दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
📿 मंत्र जपें (कोई एक या सभी):
“ॐ नमः शिवाय” (108 बार)
या “महामृत्युंजय मंत्र”
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
व्रत का संकल्प लें:
हाथ में जल और फूल लेकर, जल भगवान भोलेनाथ के चरणों में चढ़ा दें,
मन ही मन बोलें कि “मैं आज सावन सोमवार व्रत रख रही/रहा हूँ और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहता/चाहती हूँ।”
भोग अर्पण करें: सोलह* सोमवार में चूरमा लड्डू बनाए जाते हैं
शिवजी को फल, मिठाई, खासकर साबूदाने की खीर, फलाहार अर्पित करें।
आरती करें:
शिव जी की आरती करें –
“ॐ जय शिव ओंकारा…”
कपूर जलाकर आरती करें और घंटी बजाएं।
प्रार्थना करें:
अपनी मनोकामना, परिवार की सुख-शांति और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।
संध्या आरती:
शाम को भी शिव जी की आरती करें, व्रत खोलने से पहले अपनी भूल चूक की माफी जरूर मांगे
*Note 💥 ज्यादातर व्रत में फलाहार ही किया जाता है, पर कुछ गांव देहात में एक टाइम भोजन भी खाते हैं, जैसी जिसकी श्रद्धा, भगवान तो नियम और श्रद्धा भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं, भोलेनाथ को तो कोई एक लोटा जल भी पूरी श्रद्धा से चढ़ा दे, उत्तम होगा?*