। व्यास पूर्णिमा पर ब्रह्म और इंद्र योग में गुरु घर, मठ-मंदिर और आश्रमों में शिष्य गुरु पूजन 3 जुलाई सोमवार को करेंगे। इस अवसर पर गुरु पूजन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगेंगी। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस दिन समृद्धिदायक ब्रह्म और इंद्र योग रहेगा। पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई को रात 8 बजकर 21 मिनट से 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा उदया तिथि में 3 जुलाई को होने से पर्व तभी मनाया जाएगा

 

ज्योतिर्विद पं. विनायक शर्मा के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। विभिन्न स्थानों पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत शनिवार से हुई।