पंचांग की गणना के मुताबिक 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक खरमास रहेगा। सूर्य की धनु संक्रांति आरंभ होगी। यानि सूर्य का धनु राशि में प्रवेश करना। सूर्य का धनु राशि में परिभ्रमण एक माह रहता है। इसी एक माह में खरमास या मलमास की संज्ञा आती है। इस दौरान एक महीने विवाह और दूसरे शुभ कार्य नही होगें। इसके बाद 16 जनवरी से विवाह कार्यों की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि, साल में दो बार सूर्य मलमास या खरमास की श्रेणी में आते है। जिसमें धनु व मीन राशि मानी जाती है। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति है। पौराणिक गणना के अनुसार ग्रह सिद्धांतों में या ग्रहों के परिभ्रमण में किस ग्रह के किस राशि में गोचर करने से कौन से त्योहार, पर्व, कुंभ, अर्ध कुंभ या लघु कुंभ की स्थिति बनती है।
इस दृष्टि से धनु मास की संक्रांति धर्म की वृद्धि करने के लिए बताई जाती है। इस दौरान तीर्थाटन या तीर्थ स्नान एवं अपने इष्ट के निमित्त विशिष्ट साधना करना चाहिए। यह करने से वर्ष पर्यंत आध्यात्मिक उपलब्धि होती है।