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कामदा एकादशी: हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। चैत्र माह में कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है

कामदा एकादशी आज

 

हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है। चैत्र माह में कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि कामदा एकादशी पर व्रत रखने पर साधक को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इसीलिए मनोवांछित फल पाने के लिए कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही, मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।

 

कब है कामदा एकादशी

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 अप्रैल की शाम 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 8 अप्रैल को 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल, मंगलवार के दिन रखा जाएगा।

 

कब किया जाएगा कामदा एकादशी का पारण

 

कामदा एकादशी का पारण द्वादशी तिथि पर होता है। ऐसे में 9 अप्रैल बुधवार के दिन कामदा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण करने यानी व्रत समाप्त करने का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 9 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में एकादशी व्रत का पारण करना शुभ होगा।

 

कामदा एकादशी की पूजा विधि

कामदा एकादशी के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात व्रत का प्रण लिया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है। पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस रंग को श्रीहरि का प्रिय रंग कहा जाता है। पीले रंग के वस्त्र पहनना, चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाना, पीले फूल, पीले फल और पीले फल को पूजा में शामिल करना बेहद शुभ होता है। एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाता है। पूजा करते हुए एकादशी की व्रत कथा पढ़ी जाती है, आरती होती है, भोग लगाने के बाद पूजा संपन्न की जाती है। और भगवान विष्णु के आशीर्वाद की कामना की जाती है।

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