असल मुद्दों से बढ़ती दूरियां
कोरोनाकाल में केवल और केवल उन गरीबों का ही कुछ भला हुआ, जिन्हें लगातार सरकार और एनजीओ के माध्यम से राशन से लेकर सब कुछ मिलता रहा। और उन्हें, जो सरकार की लाड़ली कारपोरेटकंपनियों का हाल तो यह है कि उनकी पांचो उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में। हां, लूटने वाले अस्पतालों की भी…