कल ही मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने महेश्वर में मालवा-निमाड़ी व्यंजनों का लुत्फ लेते हुए कई सौगातें देने का निर्णय लिया और अब खबर है कि कर्ज में पहले से ही डूबी प्रदेश की सरकार अब दोबारा 25 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है… इसमें से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की प्रक्रिया तो वह इसी महीने से शुरू कर रही है… एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश सरकार पर मार्च 2020 में 2.01 लाख करोड़ का कर्ज था, तो यह आंकड़ा 31 मार्च 2024 को बढ़कर 3.75 लाख करोड़ होने का अनुमान सामने आया था… अब इस वित्त वर्ष में यह कर्ज बढ़कर 4.21 लाख करोड़ तक हो सकता है… यह भी जानकारी सामने आई कि देश में कुल कर्ज का 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सा मध्यप्रदेश का है… वहीं कर्ज लेने के मामले में अपना प्रदेश 9वें नम्बर पर है… ये आंकड़े ही बयां कर रहे हैं कि पिछले 5 साल में राज्य पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ा और अब यह दो गुना से भी ज्यादा हो चुका है… इधर, प्रदेश की तिजोरी की चाबी संभालने वाले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इन दिनों बजट से पूर्व लोगों की राय भी ले रहे हैं… उनका बयान है कि उनके सामने हर तबके की डिमांड है… आने वाला बजट बेहतर होगा और इसमें सभी वर्गों का ध्यान हम रखेंगे… कर्ज पर मंत्री देवड़ा की सफाई है कि चिंता की कोई बात नहीं… जो कर्ज हमने लिया है उसके ब्याज का भुगतान भी हम नियम के अनुसार कर ही रहे हैं… मजे की बात यह है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के हर व्यक्ति पर 4375 रुपए कर्ज बढ़ चुका है, लेकिन सरकार कह रही है – ”चिंता न करें!” और इस कर्ज लेने को उसने ”सामान्य अर्थशास्त्र” बताया..!