मध्य प्रदेश भर में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही खतरनाक भी हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रविवार को तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को प्रदेश में कोरोना के 2276 मरीज मिले हैं। 25,483 सैंपलों की जांच में इतने मरीज मिले हैं। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में और इसके बाद भोपाल में मिल रहे हैं। शनिवार को इंदौर में 603 और भोपाल में 498 मरीज मिले हैं। इतना ही नहीं, चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 11 मरीजों की मौत इस बीमारी से हुई है। भोपाल और छिंदवाड़ा में एक-एक, इंदौर और जबलपुर में दो-दो मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 14,185 हो गई है। इनमें 70 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में हैं। बाकी का निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। महीने भर के भीतर प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर डेढ़ फीसद से बढ़ते हुए शनिवार को नौ फीसद पर पहुंच गई। इसका मतलब यह कि 100 लोग जांच कराते हैं तो उनमें नौ पॉजिटिव आ रहे हैं।
मरीज बढ़े पर जांच का लक्ष्य नहीं हो पा रहा पूरा
स्वास्थ्य विभाग ने हर दिन 30 हजार सैंपल एकत्र करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद भी हर दिन करीब 25 हजार जांचें ही हो पा रही हैं। पिछले एक साल के आंकड़ों में सामने आया है कि एक मरीज के शुरुआती संपर्क में करीब 10 मरीज आते हैं। इन दिनों भोपाल में रोज 400 से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। इस लिहाज से प्रथम संपर्क में आने वाले लोग ही चार हजार से ज्यादा ज्यादा हो जाते हैं। इसके अलावा अन्य माध्यम से संक्रमण की चपेट में आए लोगों को मिला लें तो भोपाल में हर दिन कम से कम छह हजार लोगों की जांच की जानी चाहिए।