मध्य प्रदेश में कमलानथ सरकार पर संकट है और ऐसे में आज से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले ही राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट के लिए कह दिया। ऐसे में अभी भी सरकार के फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार है। मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट का निर्णय स्पीकर लेंगे। ऐसे में बीती रात सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की। 15 महीने पुरानी कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के भाग्य का स्पीकर फैसला करेंगे। बीती रात रविवार को स्पीकर प्रजापति ने कहा कि वह कोरोनवायरस के प्रसार के बारे में अधिक चिंतित हैं। अध्यक्ष के जवाब में अटकलें लगाई गई थीं कि कांग्रेस सरकार विश्वास मत से बचने या स्थगित करने के लिए संक्रमण का उपयोग करेगी। इसी बीत रात को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। जिन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में थी और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए सीएम को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सदन का विश्वास जीतना चाहिए। बैठक के बाद कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इसका निर्णय स्पीकर को करना है। बता दें कि अध्यक्ष ने अब तक 22 में से 6 विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है।
फ्लोर टेस्ट से जुड़ी 5 बातें…
1. राज्यपाल ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में सरकार को बुलाया है। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि स्पीकर इस पर निर्णय लेंगे।
2. कांग्रेस ने दावा किया है कि सदन की कार्यवाही के बारे में निर्णय लेने के लिए स्पीकर का विशेषाधिकार है।
3. कमलनाथ सरकार ने दावा किया है कि विधानसभा में उनके पास विधायकों की पूरी संख्या है।
4. 22 विद्रोही विधायकों के अयोग्य होने की संभावना पर चर्चा है। ऐसे में 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। ऐसे में सभी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होता है तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
5. सोमवार के फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को भोपाल भेज दिया। विधायक जयपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे थे। वहीं बंदी बनाए गए विधायकों को लेकर कमलनाथ ने कहा कि पहले बंदियों को छोड़ा जाए फिर फ्लेर टेस्ट होगा।