गांवों में बढ़े रोजगार के अवसर

      रमेश सर्राफ धमोरा: भारत को कभी गांवों का देश कहा जाता था। देश की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती थी। मगर धीरे-धीरे समय ने करवट बदली। पिछले कुछ सालों से देश में शहरीकरण की रफ्तार तेज हुई। लोग गांवो से निकलकर शहरों की तरफ पलायन करने लगे। देखते ही देखते…

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प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमल से रुकेगा पलायन

    सियाराम पांडेय ‘शांत’: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पते की बात कही है कि वे अपने राज्य से मजदूरों का पलायन नहीं होने देंगे। बिल्कुल सही बात है। ऐसा होना भी चाहिए। देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी कुछ इसी तरह का संकल्प व्यक्त करना चाहिए। जनता को इस…

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20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज कितनी हक़ीक़त, कितना फ़साना

    विजया पाठक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बार फिर देश के नाम सम्बोधन हुआ ! यह संबोधन अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा ! 20 लाख करोड रुपए के पैकेज की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ने जो भूमिका बांधी है, उससे यही लगता है कि आर्थिक चुनौतियों और समस्याओं को आप उन्हें चाहे कितना…

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मंदिरों के सोने पर वामपंथियों की नजर

  प्रमोद भार्गव: एक तरफ भारत सरकार ने ‘साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड‘ योजना के माध्यम से भारतीय रिर्जव बैंक में रखा सोना सस्ती दर पर बेचना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ वामपंथी जमात ने हिंदू मंदिरों में सुरक्षित सोने पर नजर गड़ा दी हैं। इस जमात में शामिल एमके वेणु ने ट्वीट के जरिए…

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लोकल, वोकल और ग्लोबल में छिपा स्वदेशी का संदेश

  डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के साथ ही लोकल, वोकल और ग्लोबल का संदेश दिया। दरअसल अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना भी सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। कोरोना ने सबकुछ बदल कर रख दिया है। देखा…

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कोरोना जंग की राह में कांटे ही कांटे

      अनिल निगम: भारत में कोराना का कहर बढ़ता जा रहा है। कोराना वायरस से संक्रमित होने और मरने वालों का आंकड़ा भी सरपट दौड़ रहा है। केंद्र सरकार ने संपूर्ण देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन कर रखा है। लोगों को घरों में सुरक्षित रहने, बाहर निकलने पर अनिवार्य रूप से…

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चुनौती को अवसर में बदलने का सही मौका…

  आर. के. सिन्हा: मैं अक्सर अपने लेखों में इस बात का जिक्र करता रहता हूँ कि चुनौती और अवसर एक दुधारी तलवार की तरह है। जहां कहीं आपके सामने चुनौतियां खड़ी होंगी, उसमें बहुत बड़ा अवसर भी छिपा मिलेगा, जिसे यदि ढूंढकर निकाल लें और उपयोग कर लें तो चुनौती को अवसर में बदलने…

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पलायनकर्ता कौनः मजदूर, सरकारें या राजनीतिक दल…

पलायनकर्ता कौनः मजदूर, सरकारें या राजनीतिक दल… सियाराम पांडेय ‘शांत’: प्रवासी मजदूरों पर देशभर में सियासत का बाजार गर्म है। सबके अपने-अपने दर्द हैं। अपने-अपने दर्शन हैं। देश में प्रवासी मजदूरों के मददगार कम नहीं हैं। जिस तरह के दावे-प्रतिदावे हो रहे हैं, उससे लगता तो यही है। लेकिन मददगारों के दावों की अहमन्यता के…

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कोरोनाः किसानों व मजदूरों पर दुष्प्रभाव

  मनोज कुमार झा: कोविड-19 की महामारी संपूर्ण विश्व ग्रसित है। गत 24 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय लॉकडाउन की जो घोषणा की, तत्कालीन संक्रमण के दुष्परिणाम के विरुद्ध सराहनीय निर्णय साबित हुआ। लेकिन इस लॉकडाउन का प्रभाव देश के विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग पड़ा। जिसका यथार्थ जानने जरूरत है। खासतौर पर,…

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मजदूरों का पलायन और हादसों बीच मौतों का सच

ऋतुपर्ण दवे: औरंगाबाद रेल दुर्घटना ने कोरोना महामारी बीच हर किसी को बुरी तरह झकझोर दिया। बेवक्त 16 मजदूर काल के गाल में समा गए। कोई कहता वो मजबूर हैं तभी तो मजदूर हैं तो कोई वक्त का मारा बताता। कोई गरीबी को दोष मढ़ता तो कुछ पलायन पर सवाल उठाते। लेकिन यह कोई नहीं…

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