सदियों का इंतजार खत्म, अब लोक जीवन में रमे राम

06/08/2020, सियाराम पांडेय ‘शांत’:- 1528 से चला आ रहा इंतजार खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन कर राममंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत कर दी। साथ ही अपना संकल्प भी जाहिर कर दिया- ‘राम काज कीन्हे बिना मोंहि कहाँ विश्राम।’ जो बात रामभक्त हनुमान ने मैनाक पर्वत से कही थी, वही बात देशवासियों से…

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मानव जीवन का प्रकल्प बने अयोध्या

05/08/2020, अरविन्द मिश्रा: अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के उद्बोधन ने अयोध्या को लेकर एक ऐसा आख्यान प्रस्तुत किया है, जिसे देश के हर नागरिक को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने जिस प्रकार अपने भाषण में भगवान राम, उनकी मर्यादाओं…

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अयोध्या में राम: लोक संग्रह का आह्वान !

    04/08/2020, गिरीश्वर मिश्र: सरयू नदी के पावन तट पर स्थित अवधपुरी, कोसलपुर या अयोध्या नाम से प्रसिद्ध नगरी का नाम भारत की मोक्षदायिनी सात नगरियों में सबसे पहले आता है-अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका, पुरी द्वारावती चैव सप्तैते मोक्षदायिका। मोक्ष का अर्थ है मोह का क्षय और क्लेशों का निवारण। तभी जीवन…

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अयोध्याः नये अध्याय की आधारशिला

04/08/2020, ऋतुपर्ण दवे: जिस शुभ घड़ी का इंतजार था, आखिर वह आ ही गई। राममंदिर के लिए देश ने जो सपना देखा था, वह पूरा हो रहा है। देखने वाले राममंदिर को भले ही धार्मिक नजरिए से देखें लेकिन वह इससे कहीं अलग भारत की सद्भावना और शान का मुद्दा बनता गया और अंततः एक…

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दोमुंही शिक्षाः इंडिया और भारत

01/08/2020 डॉ. वेदप्रताप वैदिक, नई शिक्षा नीति बनाकर सरकार ने सराहनीय कार्य किया है लेकिन ऐसा करने में उसने छह साल क्यों लगा दिए? भाजपा पहले दिन से भारत की शिक्षा-प्रणाली के सुधार पर जोर दे रही है। भाजपा के पहले जनसंघ और जनसंघ के पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मैकाले की शिक्षा-प्रणाली का डटकर विरोध…

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नई शिक्षा नीतिः शिक्षा की दशा व दिशा को देगी नई गति

    याज्ञवल्क्य शुक्ला: महज 34 वर्षों के बाद भारत में पुनः नई शिक्षा नीति लागू किया जाना, सराहनीय फैसला है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। स्पष्ट रूप से शिक्षा को पुनः सर्वोपरि मानना इस परिवर्तन का मुख्य कारण है। शेष सभी बातें शिक्षा से नैसर्गिक रूप…

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नई शिक्षा नीतिः कुछ नई शंकाएं

डॉ. वेदप्रताप वैदिक: नई शिक्षा नीति में मातृभाषाओं को जो महत्व दिया गया है, कल मैंने उसकी तारीफ की थी लेकिन उसमें मुझे चार व्यावहारिक कठिनाइयां दिखाई पड़ रही हैं। पहली, यदि छठी कक्षा तक बच्चे मातृभाषा में पढ़ेंगे तो सातवीं कक्षा में वे अंग्रेजी के माध्यम से कैसे निपटेंगे? दूसरी, अखिल भारतीय नौकरियों के…

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हिचकोले खाता भारतीय चुनाव आयोग

  हिचकोले खाता भारतीय चुनाव आयोग श्रीगोपाल गुप्ता: आजकल इस कोरोना महामारी में भारतीय चुनाव आयोग अपने ऊंप-पटांग फैसलों और करनी-कथनी के कारण एक तरफ देश की अन्य संविधानिक संस्थाओं की तरह वर्तमान हुक्मरानों के दबाव में लुटता-पिटता दिखलाई पढ़ रहा है तो वहीं देश और दुनिया की नजर में हंसी का पात्र बन रहा…

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जंगलों की कटाई हमारी संस्कृति नहीं, हम तो हमेशा से पर्यावरण संरक्षण के प्रतिनिधि रहे हैं

     – डॉ सुदेश वाघमारे: पर्यावरण का मतलब केवल वृक्षारोपण करना ही नहीं है इससे कहीं आगे है पर्यावरण को संरक्षित करना प्रत्येक प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दैनिक दिनचर्या में उतारना चाहिए आज यदि हम वृक्षों को काटने से रोकेंगे तो उसके परिणाम हमें वर्तमान में तो मिलेंगे ही साथ ही साथ भविष्य में…

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जय हो! आधुनिक भारत भाग्य विधाताओ की

    श्रीगोपाल गुप्ता: आज पूरा देश चहुं और संकटों से घिरा हुआ है ,एक और जहां वैश्विक महामारी कोरोना वायरस आम और खास भारतीयों को अपनी जद में ले रहा है तो वहीं सीमा पर नेपाल, पाकिस्तान और चीन भारत को घेरने में लगे हैं,अर्थव्यवस्था भी रसातल में जाने की जिद पाल बैठी है…

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