जब बात हो कमाई की, तो भाड़ में जाए मंहगाई

    आसमान छूते पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस के दामों ने आम आदमी का जीना किया मुश्किल. इसका असर इतना व्यापक है कि आम खाने पीने और रहन सहन की चीजों में महंगाई अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है और सरकार को फिक्र सिर्फ इनसे होने वाली कमाई पर है. केंद्र…

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आखिर ऐसी क्या वजह है कि शिवराज सरकार न चाहते हुए भी सिंधिया के आगे हो जाती है नतमस्तक

  क्या प्रदेश में फिर से शुरू होगा तबादला उद्योग? मंत्रियों को जिलों के प्रभार सौंपे जाने के निर्णय में भी सिंधिया की खूब चली आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में पिछले सवा साल से लंबित मंत्रियों को जिले के प्रभार की कमान सौंपने पर निर्णय ले लिया। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के…

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स्वतंत्र निदेशकों की स्वतंत्रता पर लगता प्रश्नचिन्ह!

    दो साल पहले केंद्र सरकार के थिंक टैंक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने साफ तौर पर कहा था, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए स्वतंत्र निदेशकों (आईडी) का चयन स्वतंत्र नहीं रहा है. क्षेत्र के अनुभवी विशेषज्ञों के बजाय, पूर्व-आईएएस या राजनीतिक आत्मीयता को वरीयता दी जा रही है, इसलिए आईडी…

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निजी स्कूल पूरी फीस लेने पर आमादा: मानवता की गुहार सुनने न सरकार, न प्रशासन और न ही स्कूल प्रबंधन तैयार

    निजी स्कूलों में सारी कक्षाएं आनलाइन लगाई जा रही है और इस वर्ष भी जब तक बच्चों के टीके नहीं आ जाते, स्कूल चालू होना मुश्किल लग रहा है. दूसरी तरफ सरकार बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने का प्रयास कर रही है और ऐसे में मानवता का तकाज़ा ये कहता…

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कैलाश बनेंगे केंद्र में मंत्री, खंडवा से लड़ सकते उप चुनाव!

  * दिनेश निगम ‘त्यागी’: भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की लाटरी खुल सकती है। पश्चिम बंगाल में मेहनत के ईनाम के तौर पर उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में मप्र से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं। इनमें एक ज्योतिरादित्य सिंधिया…

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रोजगार सृजन में आत्मनिर्भर पैकेज निकला फिसड्डी,व्यापार बचेगा तभी रोजगार बढ़ेगा

    आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत पिछले साल एक अक्टूबर को की गई थी। रोजगार सृजन के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में दिये जाने वाले योगदान में सरकारी मदद के जरिये कंपनियों को नये रोजगार पैदा करने, रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिये प्रोत्साहन दिया गया। योजना के तहत 58.50 लाख…

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एमएसएमई योजनाओं में सरकार के पास वित्त उपलब्ध न होना, बना विकास में रोड़ा

    एक तरफ सरकार एमएसएमई को अर्थव्यवस्था का इंजिन मानती है, उनके लिए विभिन्न योजनाएँ, सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि की घोषणाएं की जाती है, तो दूसरी तरफ इन योजनाओं के संपादन के लिए वित्त की उपलब्धता न होना और इसका समय पर न मिलना, एमएसएमई क्षेत्र के विकसित न होने का मुख्य कारण है….

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बदतमीजी से बजबजाता यह परनाला

    बदतमीजी से बजबजाता यह परनाला ‘घटिया यूनिवर्सिटी’ फेम मेनका गांधी (Maneka Gandhi) और ‘घटिया औरत’ फेम अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi) राजनीतिक रूप से एक ही कुटुंब के सदस्य हैं। वे भाजपा (BJP) के क्रमशः सांसद और विधायक हैं। एक विवाद की आंच ने इन दोनों को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। गांधी ने…

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आरबीआई ने सहकारी बैंकों पर नकेल कसते हुए राजनितिज्ञों के दखल को किया नामंजूर

    सूक्ष्म और अति सूक्ष्म क्षेत्र में सहकारी बैंकों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है और साथ ही गैर संगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की पूंजी को संगठित और बैंकिंग प्रणाली में लाने का काम इन बैंकों ने किया है. लेकिन सही दिशा निर्देश और नियामक के अभाव में सहकारी बैंकों के…

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सिमटते अख़बार और सोशल मीडिया में “सूचनाओं” का अंबार

  अनेक अख़बार व कई न्यूज़ चैनल वेंटिलेटर पर  सर्कुलेशन कम होने के बाद 70% विज्ञापन हुए बंद  इंटरनेट “लील” रहा अख़बार। युवा नेट को मानते हैं भगवान। कोरोना की पहली लहर ने अख़बारों को एनीमिक बनाया तो दूसरी लहर ने उनकी बची खुची कमर भी तोड़ दी है। बावजूद अपनी बेहतर विश्वसनीयता के अख़बार…

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