निजता के हनन के मापदंड तय करने होंगे सरकार को

    सूचना के अधिकार कानून के तहत सरकार और संवैधानिक संस्थान तय करती है कि सूचना निजी है या नहीं. मापदंडों की व्याख्या नहीं होने के कारण सही सूचना जनता को नहीं मिल पाती है और सरकारी विभागों को जो सूचना नहीं देनी होती, उसे निजी बताकर मना कर दिया जाता है. खासकर कोविड…

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Israeli Pegasus Spyware: अगर धुआं उठ रहा है तो आग भी कहीं अवश्य लगी होगी

    अभय कुमार ‘अभय’। अगर धुआं दिखाई दे रहा है तो आग भी कहीं अवश्य लगी होगी। इसलिए इस खबर को सिरे से खारिज करना उचित नहीं होगा कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिये प्रमुख हस्तियों की जासूसी की गई थी। खबरों में बताया जा रहा है कि एक मिस काल देकर स्पाईवेयर को टार्गेटेड स्मार्टफोन…

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सहकारी क्षेत्र आधारित नया आर्थिक माडल समय की मांग और जरुरत

    सहकारी क्षेत्र पर आधरित आर्थिक मॉडल की मुख्य चुनौतियां ग्रामीण इलाकों में कार्य कर रही जिला केंद्रीय सहकारी बैकों की शाखाओं के सामने हैं। इन बैंकों द्वारा ऋण प्रदान करने की योजना में समय के साथ परिवर्तन नहीं किया गया, जबकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में आय का स्वरूप बदल गया है। ग्रामीण इलाकों…

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क्या जनहितैषी और जनहित के निर्णयों के लिए सरकारों को चाहिए कोर्ट से निर्देश?

    हाल के कुछ सालों में यह देखने अक्सर मिल रहा है कि जनहित के मुद्दों पर चाहे केन्द्र सरकार हो या फिर राज्य सरकारें, स्वत: निर्णय न लेकर लोगों को परेशान होने दिया जाता है और आखिर में कोर्ट के निर्देश पर फैसले लिए जाते हैं. तो फिर जनता की चुनी सरकार का…

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82000 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं

  आप जानकार चौंक जाएंगे कि बैंकों, म्‍यूचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और पीएफ में 82000 करोड़ रुपये की पूंजी पड़ी है जिसका कोई दावेदार नहीं है. दरअसल, कई बार होता है कि कोई व्‍यक्ति कहीं निवेश कर देता है और इसके बाद उनकी मृत्‍यु हो जाती है. अगर परिवार के सदस्‍यों या किसी करीबी को…

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करंट से होने वाली दुर्घटनाएं – सावधानी बरतने की सलाह

  मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जनता को आगाह किया है कि जरा सी असावधानी दुर्घटना का कारण बन सकती है। आमजन करंट से होने वाली दुघटनाओं की रोकथाम में सहयोग करें एवं बिजली लाइनों तथा ट्रांसफार्मर से उचित दूरी बना कर रखें। कंपनी ने उपभोक्ताएओं से अपील में कहा है कि विद्युत लाइनोंध्ट्रांसफार्मरों एवं…

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क्या एलआईसी का निजीकरण और विनिवेश सरकार का सही कदम?

    एलआईसी की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस 1.75 लाख करोड़ रुपये में एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की…

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बेहिसाब मंहगाई, मिलावटखोरी और मुनाफाखोरी पर सरकार को कसनी होगी लगाम

    पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने लोगों की वैसे ही कमर तोड़ रखी है और उस पर दवाईयों और मेडिकल उपकरणों पर बेहिसाब मुनाफाखोरी. ऐसा लगता है जैसे कुछ लोगों ने आपदा काल को लूट काल बना दिया है और सरकार है कि जब जागती है तब आम आदमी लुट चुका…

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बैठने का कायदा भूल गए सिंधिया

*केंद्रीय मंत्री का पद मिलते ही अंहकार से भर गए है श्रीमंत सिंधिया *मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बैठने का कायदा भूल गए सिंधिया *उम्र और राजनीतिक अनुभव में बड़े शिवराज का सम्मान भी न कर सके ज्योतिरादित्य *विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन*: मध्यप्रदेश के कोटे से राज्यसभा पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार…

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क्या दिवालिया कानून बना जनता के पैसे लूट का जरिया?

    मोदी सरकार का सबसे क्रांतिकारी और मजबूत कानून दिवालिया कोड की शक्ल में वर्ष 2017 में लाया गया, जिसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाना और डिफाल्टर पर सही समय पर कार्यवाही करना ताकि जनता का पैसा कोई लूट न सकें. लेकिन 4 साल बाद कुछ केस जैसे भूषण स्टील, रुचि सोया, एस्सार…

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