शादी की उम्र 25 साल की जाए

डॉ. वेदप्रताप वैदिक, भारत अब शादियों के मामले में क्रांतिकारी कदम उठानेवाला है। अभीतक भारतीय कानून के मुताबिक वर की आयु 21 वर्ष और वधू की आयु 18 वर्ष है। इससे कम आयु के विवाह अवैध माने जाते हैं। यह कानून मुसलमानों पर लागू नहीं होता है। वे शरिया के मुताबिक विवाह की आयु तय…

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स्त्री-शक्ति के नौ रूप नवजीवन के प्रतीक

प्रमोद भार्गव, शारदेय नवरात्रों में एकबार फिर हम स्त्री शक्ति के नौ रूपों की पूजा कर रहे हैं। नवरात्र में जो नव उपसर्ग हैं, वे नौ की संख्या के साथ-साथ नूतनता के भी प्रतीक हैं। इस अर्थ में वे परिवर्तन के सूचक हैं। ये रूप-शक्ति, स्त्रीत्व और समृद्धि के प्रतीक भी हैं। इन स्वरूपों की…

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आपको देखकर मनोचिकित्सक कैसे मेंटल हेल्थ का पता लगाते हैं,

    मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ मनाया जाता है. वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने वर्ष 1992 में इसकी शुरुआत की थी. इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं कि मनोचिकित्सक कैसे आपको देखकर मेंटल हेल्थ का पता लगाते हैं…

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नाकाम होते महिला दुष्कर्म के कानून

    प्रमोद भार्गव: अनेक कानूनी उपाय और जागरूकता अभियानों के बावजूद बच्चों व महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इनपर गंभीरता से विचार किए बिना हाथरस कांड को भीड़ जातीय आग्रहों-दुराग्रहों को लेकर देशभर में सड़कों पर उतर रही है। चिंतनीय पहलू यह है कि जातिगत आधार पर इस घिनौने मुद्दे…

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सोशल मीडिया और उसके प्रभाव

डॉ. राकेश राणा: आधुनिक समाज में सोशल मीडिया प्रभावी भूमिका के साथ उभर रहा है। लोग ऑडियो, वीडियो, कॉल, संदेश, फोटो, प्रतीक सब जब चाहे क्षण भर में इधर से उधर दुनिया भर में भेज रहे हैं। इसके जरिये कम खर्च, कम समय और कम उर्जा लगाकर पूरी दुनिया को दूहने में लगे हैं। सोशल…

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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे हो सकते हैं खतरनाक

      कोरोना वायरस से बचने के लिए ज्यादातर लोग इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. बाजारों में भी इस समय हर्बल सप्लीमेंट्स की बाढ़ आ गई है. इम्यूनिटी बूस्टर के नाम दुकानों पर धड़ल्ले से तरह-तरह के जूस और दवाईयां बेची जा रही हैं. लोग बिना डॉक्टर से संपर्क किए खुद ही…

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बैंक गरीबों की भी सुनें

    आर.के. सिन्हा:- देखिए, यह सच है कि विगत कुछ वर्षों में मोदी शासन के दौरान हमारी बैंकिंग व्यवस्था में अनेक कमियां उभरकर सामने आई हैं। ऐसा बिलकुल नहीं है कि ये कमियां पहले नहीं थीं। पहले कहीं ज्यादा थीं पर पूर्ववर्ती सरकारों की “तुम भी खाओ, हम भी खायें” की भ्रष्ट नीति के…

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गांधी महज़ सिद्धांत नहीं सरल व्यवहार है

  गांधी महज़ सिद्धांत नहीं सरल व्यवहार है अनिल त्रिवेदी: पोरबन्दर में 2अक्टूम्बर1869 को याने आज से डेढ़ सौ साल पहले जो बालक जन्मा था। वह डेढ़ सौ साल बाद भी आज समूची मनुष्यता के लिये प्रेरक पुंज की तरह हमारे निजी और सार्वजनिक जीवन के सवालों में किसी न किसी रूप में मौजूद हैं।गांधी…

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महामारी के अंधकार में गांधीजी के विचारों की ज्योति

प्रो. दिनेश सिंह: इन दिनों समूचा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। उससे निपटने की व्यापक कोशिश हो रही है। लेकिन किसी के हाथ कुछ ठोस समाधान लगा नहीं है। इस वजह से उहापोह का माहौल है। तो इस संकट निकलने के लिए अतीत में झांकना होगा और उन महान व्यक्तियों के तौर-तरीकों को…

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शास्त्री जी ने नहीं किया कभी स्वाभिमान से समझौता

शास्त्री जी की जयंती (02 अक्टूबर) पर विशेष योगेश कुमार गोयल: 2 अक्तूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में मुगलसराय में जन्मे भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बचपन से ही इतने मेधावी थे कि हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान प्रायः देरी से पहुंचने के बावजूद सजा के तौर पर कक्षा के बाहर…

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