इसे कहते हैं प्रतिद्वंदियों के सामने बड़ी लकीर खींचना।

इसे कहते हैं प्रतिद्वंदियों के सामने बड़ी लकीर खींचना। 19 नए जिले बनाने की घोषणा वाकई बड़ी बात है। हिन्दुओं के दो बड़े तीर्थ स्थल पुष्कर और गोविंद देव जी के मंदिर को विकास की घोषणा कर मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी बदलती सोच भी प्रदर्शित की है। ===================== 6 माह पहले 25 सितंबर 2022 को…

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कब तक बीजेपी की पिच पर खेलेगी कांग्रेस ?

  लंबे समय बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश की!उसने भोपाल में बीजेपी सरकार के खिलाफ अपना शक्ति प्रदर्शन किया!इसे एक अच्छा संकेत माना जा सकता है!लेकिन मूल सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस बीजेपी की बनाई पिच पर ही क्यों खेल रही है!देश की सबसे पुरानी पार्टी वही सब क्यों…

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धर्म संकट में सरकार – रोकें तो वोट कटें, न रोकें तो के जंगल…

/ भोपाल: वोटों से झोली भरने वाली ‘ लाडली बहना’ स्कीम की लॉन्चिंग के साथ फ्रंट फुट पर आई शिवराज सरकार इन दिनों वोटों के गुणाभाग को लेकर अजीब सी दुविधा में है या यूं कहें धर्म संकट में है। मसला खंडवा, खरगोन और बड़वानी के जंगल साफ होने बाद अब  नेपानगर (बुरहानपुर)के नावरा फॉरेस्ट…

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मुख्यमंत्री ने विकास को मुद्दा बनाया, आत्माभिमान से जूझ रही कांग्रेस

डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, भारत की आजादी के बाद से लेकर अभी तक यह बात बार-बार सत्यापित होती चली आई है कि विपक्ष प्रत्येक चुनाव में विकास को चुनावी मुद्दा बनाता है और इस मोर्चे पर सरकार के विफल होने पर उसे आड़े हाथों लेता है। यह भी सर्वविदित है कि जब जब विपक्षी दलों ने…

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राजनीतिक दल कर रहे काले धन का खेल,सरकार और न्यायालय चुप

*   पीटीआई के हवाले से चुनाव सुधारों पर काम कर रही एनजीओ एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने आफिशियल डाटा को रिपोर्ट करते हुए बताया की ७ राष्ट्रीय दलों ने वर्ष २०२१-२२ में ३२९१ करोड़ रुपए का चंदा मिलना दिखाया है. ये ७ राष्ट्रीय दल है – भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, सीपीआई, सीपीआई (एम)…

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अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?

अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी? -डॉ. वेदप्रताप वैदिक: गौतम अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर नए रहस्योद्घाटन लगभग रोज़ ही हो रहे हैं। इस बार का संसद का सत्र भी इसी मामले का शिकार होनेवाला है, क्योंकि विपक्ष के पास इसके अलावा कोई बड़ा मुद्दा है ही नहीं। वैसे एक मुहावरे में कहा भी गया…

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साइंटिफिक-एनालिसिस: संवैधानिक चेहरे बिना भारतीय मीडिया स्वतन्त्रता से काम नहीं कर सकती

  यह मामला मध्यप्रदेश का हैं परन्तु ऐसी ही व्यवस्था और खामियां देश के सभी राज्यों में लागू हैं | इसके तहत मीडीया को विज्ञापन व पत्रकारों के लिए सुविधाएं वाली योजनाएं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से दी जाती हैं | यह विभाग तथाकथित सरकार यानि कार्यपालिका के अन्तर्गत आता हैं | मध्यप्रदेश के इस…

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  सर्दियों का मौसम है और कोरोना महामारी का प्रकोप भी जारी है। इन दोनों ही स्थितियों में बुखार (Fever) एक आम समस्या है। बुखार किसी भी व्यक्ति के शरीर को तोड़कर रख देता है। हल्के बुखार से बिना दवाओं के जरिए राहत पाई जा सकती है लेकिन बुखार के साथ कंपकपी, बदन दर्द और उल्टी जैसे लक्षण भी…

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स्वयंबर का धनुष तोड़ने में नकारा साबित हुए सत्ता के सूरमा.

  0 मुंह लटकाए खड़े, हाथों में मुरझाई वरण की माला 0 सूरमा को चिढ़ाकर और कोई कर गया वरण. नागदा। रामायण काल में जनकपूरी में एक स्वयंबर हुआ था। इस स्वयंबर का असली चिंतन तो यह थाकि सुरमा कौन है। शक्तिशाली कौन है। इस स्वयंबर का पैमाना यह थाकि धनुष को जो भी सूरमा…

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हमारी जनरेशन कमाल की जनरेशन है

  हमारी जनरेशन कमाल की जनरेशन है। हमारे पास मोबाइल, एडवांस ग्राफिक्स वाले वीडियो गेम, और ये टेक्नोलॉजी नहीं थी जिसने जीवन को आसान बना दिया है पर हम वो जनरेशन हैं जिन्होंने इस युग को ये सब दिया है। 1970 से 2000 के बीच पैदा होने वाली जनरेशन गेम चेंजर है। आज भी जितने…

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