नशा, पौर्न वीडियो के साथ कुटुम्ब परंपरा का ह्रास, समाज में संस्कार और संवेदनशीलता का पतन भी कारण

  नन्हीं बच्चियों से दुराचार और हत्यायें नशा, पौर्न वीडियो के साथ कुटुम्ब परंपरा का ह्रास, समाज में संस्कार और संवेदनशीलता का पतन भी कारण –रमेश शर्मा जिस देश में नारी प्रथम पूज्या रही हो, बच्चियों को देवि स्वरूप मानकर चरण छूने की परंपरा है । उस देश में छोटी छोटी मासूम बच्चियों के साथ…

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क्यों गिलास में पानी ना पियें ?

जानिए लोटा और गिलास के पानी में अंतर 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔹🔸🔸🔹🔸🔸 क्यों गिलास में पानी ना पियें ? भारत में हजारों साल की पानी पीने की जो सभ्यता है वो गिलास नही है, ये गिलास जो है विदेशी है. गिलास भारत का नही है. गिलास यूरोप से आया. और यूरोप में पुर्तगाल से आया था. ये पुर्तगाली…

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साइंटिफिक-एनालिसिस: सुप्रीम कोर्ट का नया ध्वज व प्रतिक उसके लोकतांत्रिक स्तम्भ को ढहा देगा

महामहिम राष्ट्रपति महोदय को प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर भेजे गये लोकतन्त्र के ग्राफिक्स प्रारूप के तहत आपके साइंटिफिक-एनालिसिस ने पहले ही जमीनी स्तर पर मूर्त रूप ले चुकी घटनाओं के आधार पर बताया था कि न्यायपालिका का स्तम्भ झुक चुका हैं वो अब पहले जैसा सीधा व स्थिर नहीं रहा हैं। अब उच्चतम न्यायालय…

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खेलों के विकास की नई इबारत लिखता मध्य प्रदेश 

*आसमान छू रहे मध्य प्रदेश के खिलाड़ी* आलेख: मध्य प्रदेश, जिसे भारत का ‘हृदय प्रदेश’ भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश में खेलों का भी एक विशिष्ट स्थान है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार खेलों के विकास और खिलाड़ियों को प्रतिभा के पर्याप्त अवसर दिलाने के लिए…

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आरएसएस विद्या भारती ने रखी राष्ट्रीयता, पराक्रम शिक्षा की नींव

  डॉ. दीपक राय, भोपाल। विष्णुपुराण में कहा गया है– तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये। आया साया परं कर्म विद्यान्या शिल्प नैपुणम्।। अर्थात् कर्म वही है जो बंधनों से मुक्त करे और विद्या वही है जो मुक्ति का मार्ग दिखाए। इसके अतिरिक्त जो भी काम हैं, वे सब निपुणता देने वाले मात्र हैं।…

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मद्रास हाई कोर्ट के गैर हिन्‍दू मंदिर प्रवेश मामले की गंभीरता को समझें, संकट बड़ा है !

  – डॉ. मयंक चतुर्वेदी: मंदिर देवता का घर है, भक्‍तों के लिए वह पूजा स्‍थल है, श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा भाव है और यही मंदिर आध्‍यात्‍म की शरणस्‍थली के रूप में प्रत्‍येक जिज्ञासू के लिए मोक्ष का कारक और ज्ञान देने के लिए ज्ञानस्‍थल अर्थात् गुरुकुल है। हिन्‍दू सनातन धर्म के आधार स्‍तम्‍भों में…

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भारत रत्न आडवाणी

  यदि राम मंदिर हिन्दुत्व के पुनर्जागरण का प्रतीक है तो लाल कृष्ण आडवाणी उस प्रतीक की संकल्पना को सामान्य जनमानस के मस्तिष्क में स्थापित करने वाले मानव हैं। राम मंदिर यदि हिन्दुओं की सामूहिकता का चरमबिन्दु है तो लाल कृष्ण आडवाणी उसका बीज बोने वाले नर हैं जिनके आह्वान पर भारतीय हिन्दू एक हारी…

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संस्कृति और स्वाभिमान रक्षा के लिये किये महा संग्राम

  30 जनवरी 1528 : राणा सांगा का बलिदान दिवस संस्कृति और स्वाभिमान रक्षा के लिये किये महा संग्राम –रमेश शर्मा महाराणा संग्राम सिंह जिनकी लोक जीवन में प्रसिद्धि “राणा साँगा” के नाम से है । एक ऐसे महा यौद्धा थे जिनका पूरा जीवन राष्ट्र, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिये समर्पित रहा ।…

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एक अदद जीत के लिये तरसती कांग्रेस

  श्रीगोपाल गुप्ता: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं बैसे-बैसे चम्बल संभाग का राजनीतिक पारा उछाल मारने लग गया है.हाल ही में प्रदेश विधानसभा में अभूतपूर्व जीत से भरपूर लबरेज भारतीय जनता पार्टी खुद के किले में परिवर्तित हो चुकीं चम्बल की दोंनो लोकसभा मुरैना-श्योपुर व भिण्ड-दतिया सीट पर अपनी जीत का परचम…

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56 युद्ध लड़े एक भी नहीं हारा 32 दुर्गों का निर्माण करने वाला महान योद्धा

महाराणा कुम्भा राजपूताने का ऐसा प्रतापी शासक हुआ है, जिसके युद्ध कौशल, विद्वता, कला एवं साहित्य प्रियता की गाथा मेवाड़ के चप्पे-चप्पे से उद्घोषित होती है। महाराणा कुम्भा का जन्म 1403 ई. में हुआ था। कुम्भा चित्तौड़ के महाराणा मोकल के पुत्र थे। उसकी माता परमारवंशीय राजकुमारी सौभाग्य देवी थी। अपने पिता चित्तौड़ के महाराणा…

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